महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव में मुख्यमंत्री लड़की बहिन योजना (Mukhyamantri Ladki Behna Yojana) का बड़ा योगदान माना गया है। चुनावी वादे के अनुसार, राज्य सरकार ने हर पात्र महिला को 1,500 रुपये प्रतिमाह देने का एलान किया था। जीत के बाद, इस राशि को 2,100 रुपये तक बढ़ाने का वादा किया गया। अब जब भाजपा और एनडीए गठबंधन भारी बहुमत के साथ सत्ता में लौटे हैं, तो यह देखना होगा कि यह वादा कैसे पूरा किया जाएगा।
राजनीतिक विशेषज्ञों का मानना है कि सरकार अपने वादे पर खरा उतरने की कोशिश करेगी। हालांकि, असली चुनौती इस योजना के बढ़ते खर्च को वित्तीय संतुलन में बनाए रखना है। महाराष्ट्र देश का सबसे बड़ा राजस्व अर्जित करने वाला राज्य है, लेकिन इसके खर्चे भी उतने ही अधिक हैं। ऐसे में सरकार को अतिरिक्त फंड जुटाने के रास्ते तलाशने होंगे।
मुख्यमंत्री लड़की बहिन योजना पर कितना खर्च हो रहा है?
मुख्यमंत्री लड़की बहिन योजना के तहत महाराष्ट्र सरकार ने 2.5 करोड़ महिलाओं को हर महीने 1,500 रुपये देने का निर्णय किया था। इसके लिए करीब 35,000 करोड़ रुपये का बजट तय किया गया था। अब जब इस राशि को 2,100 रुपये प्रतिमाह तक बढ़ाने की योजना है, तो खर्च और बढ़कर लगभग 46,000 करोड़ रुपये हो जाएगा। यानी अतिरिक्त 11,000 करोड़ रुपये जुटाने की आवश्यकता होगी।
अतिरिक्त राशि के लिए ऐसे होगी फंडिंग
राज्य सरकार को 11,000 करोड़ रुपये के अतिरिक्त फंड के लिए कई विकल्पों पर विचार करना होगा:
- सेवा कर और बिक्री कर में बढ़ोतरी: महाराष्ट्र की अर्थव्यवस्था मुख्यतः सर्विस सेक्टर और उद्योगों पर आधारित है। राज्य का वार्षिक राजस्व लगभग 4.50 लाख करोड़ रुपये है। इसे बढ़ाने के लिए सेवा कर (Service Tax) या बिक्री कर (Sales Tax) में वृद्धि संभव है।
- बाजार से उधारी: सरकार फंड जुटाने के लिए बांड जारी कर सकती है। यह एक सामान्य प्रक्रिया है जिसका उपयोग राज्य सरकारें आपात फंडिंग के लिए करती हैं।
- केंद्र सरकार की मदद: केंद्र में भी एनडीए की सरकार है, जिससे अतिरिक्त वित्तीय सहायता की उम्मीद की जा सकती है। महाराष्ट्र को विशेष अनुदान मिल सकता है।
विशेषज्ञों का मानना है कि इन विकल्पों में से किसी एक को प्राथमिकता दी जाएगी, और आवश्यकता पड़ने पर दो या अधिक विकल्पों को संयोजित किया जा सकता है।
Mukhyamantri Ladki Behna Yojana में चुनौती और संभावित समाधान
राजनीतिक दृष्टिकोण से मुख्यमंत्री लड़की बहिन योजना को सफल बनाना सरकार के लिए अत्यंत महत्वपूर्ण है। यह योजना न केवल महिला सशक्तिकरण का प्रतीक है, बल्कि सामाजिक कल्याण का भी एक प्रमुख कदम है।
हालांकि अतिरिक्त राजस्व जुटाने के लिए टैक्स बढ़ाना राजनीतिक रूप से संवेदनशील हो सकता है। बाजार से उधारी की रणनीति राज्य के कर्ज को बढ़ा सकती है। ऐसे में केंद्र से वित्तीय सहायता प्राप्त करना सबसे व्यावहारिक विकल्प हो सकता है।
- मुख्यमंत्री लड़की बहिन योजना के तहत कौन पात्र हैं?
यह योजना महाराष्ट्र की स्थायी निवासिनी महिलाओं के लिए है, जिनकी उम्र 18 से 60 वर्ष के बीच है। - क्या 2,100 रुपये की नई राशि तुरंत लागू होगी?
सरकार ने यह वादा किया है, लेकिन इसके लिए बजट में संशोधन की आवश्यकता होगी। - क्या कर बढ़ोतरी से आम नागरिक प्रभावित होंगे?
कर बढ़ाने का फैसला अभी विचाराधीन है। यह निर्णय राज्य की वित्तीय स्थिति को देखते हुए लिया जाएगा। - क्या केंद्र से मदद मिलना तय है?
केंद्र सरकार से सहयोग की उम्मीद है, लेकिन अंतिम निर्णय केंद्र की सहमति पर निर्भर करेगा।
मुख्यमंत्री लड़की बहिन योजना महाराष्ट्र की महिलाओं के आर्थिक सशक्तिकरण का बड़ा कदम है। हालांकि, बढ़ी हुई राशि लागू करने में वित्तीय चुनौती सबसे बड़ी बाधा है। राज्य सरकार को राजस्व के नए स्रोत खोजने होंगे या केंद्र सरकार से मदद लेनी होगी।