दिल्ली-एनसीआर में बढ़ते प्रदूषण के खतरे के कारण स्कूलों की छुट्टियों को बढ़ा दिया गया है। गौतमबुद्ध नगर प्रशासन ने बच्चों की सुरक्षा को प्राथमिकता देते हुए नोएडा और ग्रेटर नोएडा के सभी स्कूलों को 25 नवंबर तक ऑफलाइन कक्षाओं के संचालन से रोक दिया है। इन दिनों केवल ऑनलाइन कक्षाएं जारी रहेंगी, ताकि बच्चों को प्रदूषण के दुष्प्रभावों से बचाया जा सके।
बढ़ते प्रदूषण के कारण स्कूलों में छुट्टी
दिल्ली-एनसीआर में वायु गुणवत्ता सूचकांक (AQI) का स्तर तेजी से बिगड़ता जा रहा है, जो गंभीर स्वास्थ्य समस्याओं का कारण बन सकता है। 18 नवंबर से लागू इस आदेश को 25 नवंबर तक बढ़ा दिया गया है। केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (CPCB) के आंकड़ों के अनुसार, दिल्ली का AQI 400 के पार पहुंच चुका है, जो इसे ‘गंभीर’ श्रेणी में रखता है। नोएडा और ग्रेटर नोएडा का AQI भी 300 से ऊपर है, जो ‘बहुत खराब’ श्रेणी में आता है।
बच्चों के स्वास्थ्य को प्राथमिकता
प्रदूषण का सबसे ज्यादा असर बच्चों पर पड़ता है। PM2.5 और PM10 जैसे छोटे कण उनके फेफड़ों में गहराई तक प्रवेश कर सकते हैं और श्वसन तंत्र को प्रभावित कर सकते हैं। इसके अलावा, प्रदूषण से बच्चों की रोग प्रतिरोधक क्षमता कमजोर हो सकती है और उन्हें दीर्घकालिक स्वास्थ्य समस्याओं जैसे अस्थमा और एलर्जी का सामना करना पड़ सकता है।
क्या है एयर क्वालिटी इंडेक्स (AQI)?
एयर क्वालिटी इंडेक्स (AQI) हवा में मौजूद प्रदूषण के स्तर को मापने का मानक है। इसे 0 से 500 के बीच वर्गीकृत किया गया है:
- 0-50: अच्छी हवा, स्वास्थ्य के लिए सुरक्षित।
- 51-100: संतोषजनक, हल्का प्रदूषण।
- 101-200: मध्यम, संवेदनशील लोगों के लिए थोड़ा हानिकारक।
- 201-300: खराब, स्वास्थ्य पर असर डाल सकता है।
- 301-400: बहुत खराब, सभी के लिए हानिकारक।
- 401-500: गंभीर, स्वास्थ्य के लिए अत्यंत खतरनाक।
बच्चों की सुरक्षा के लिए उठाए गए कदम
प्रशासन ने स्पष्ट कर दिया है कि बच्चों की सुरक्षा उनकी प्राथमिकता है। सभी स्कूलों को केवल ऑनलाइन कक्षाएं चलाने का निर्देश दिया गया है। साथ ही, सुनिश्चित किया जा रहा है कि कोई भी स्कूल इस आदेश का उल्लंघन न करे।
प्रश्न 1: स्कूल कब तक बंद रहेंगे?
स्कूल 25 नवंबर तक बंद रहेंगे और केवल ऑनलाइन कक्षाएं जारी रहेंगी।
प्रश्न 2: प्रदूषण का बच्चों पर क्या प्रभाव पड़ता है?
प्रदूषण से बच्चों के श्वसन तंत्र, फेफड़े और रोग प्रतिरोधक क्षमता पर नकारात्मक प्रभाव पड़ता है।
प्रश्न 3: AQI का स्तर कैसे मापा जाता है?
AQI हवा में प्रदूषण के स्तर को मापने का मानक है, जो 0 से 500 के बीच होता है। यह हवा की गुणवत्ता को दर्शाता है।
दिल्ली-एनसीआर में प्रदूषण का बढ़ता स्तर सभी के लिए चिंताजनक है, लेकिन प्रशासन ने बच्चों की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए त्वरित कदम उठाए हैं। स्कूलों की ऑफलाइन कक्षाओं को बंद कर केवल ऑनलाइन कक्षाओं का संचालन एक सकारात्मक पहल है। प्रदूषण के दुष्प्रभावों से बचने के लिए सतर्कता बनाए रखना जरूरी है।