कच्चे तेल की कीमतों में बढ़ोतरी के कारण पेट्रोल और डीजल के दाम फिर से बढ़ने लगे हैं। इस समय क्रूड तेल (Crude Oil) की कीमतें 75 डॉलर प्रति बैरल के करीब पहुंच रही हैं। इसके प्रभाव से पेट्रोल और डीजल की कीमतें देशभर में बढ़ने की संभावना है। इस बीच, ऑयल मार्केटिंग कंपनियों ने पेट्रोल-डीजल के नए रेट जारी कर दिए हैं। सरकारी तेल कंपनियां जैसे इंडियन ऑयल कॉर्पोरेशन (IOC), भारत पेट्रोलियम (BPCL), और हिंदुस्तान पेट्रोलियम (HPCL) नियमित रूप से इन दरों को अपडेट करती हैं।
आज जारी रेट्स के मुताबिक, दिल्ली में पेट्रोल की कीमत 94.77 रुपये प्रति लीटर और डीजल की कीमत 87.67 रुपये प्रति लीटर है। वहीं, मुंबई में पेट्रोल की कीमत 103.44 रुपये प्रति लीटर और डीजल की कीमत 89.97 रुपये प्रति लीटर पर पहुंच चुकी है। इन कीमतों में वृद्धि का असर कई राज्यों में देखा जा रहा है, जहां पेट्रोल और डीजल के दाम लगातार बदल रहे हैं।
पेट्रोल-डीजल के जारी नए रेट लिस्ट
राज्य/शहर | पेट्रोल की कीमत (₹/लीटर) | डीजल की कीमत (₹/लीटर) |
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दिल्ली | 94.77 | 87.67 |
मुंबई | 103.44 | 89.97 |
पोर्ट ब्लेयर | 82.46 | 78.05 |
आंध्र प्रदेश | 108.35 | 96.22 |
असम | 98.19 | 89.42 |
बिहार | 105.58 | 92.42 |
उत्तर प्रदेश | 94.69 | 87.81 |
कर्नाटक | 102.92 | 88.99 |
तमिलनाडु | 100.80 | 92.39 |
उत्तराखंड | 93.37 | 88.17 |
तेलंगाना | 107.46 | 95.70 |
कच्चे तेल की कीमतों में वृद्धि
कच्चे तेल की कीमतों में हुई वृद्धि के कारण, पेट्रोल और डीजल के दाम भी लगातार ऊपर जा रहे हैं। ब्रेंट क्रूड (Brent Crude) की कीमत में 1.75% की वृद्धि के साथ 74.38 डॉलर प्रति बैरल तक पहुंच गई है, जबकि डब्ल्यूटीआई (WTI) क्रूड में 1.81% की बढ़त हुई और यह 70.75 डॉलर प्रति बैरल पर पहुंच चुका है। जब कच्चे तेल की कीमतें बढ़ती हैं, तो तेल कंपनियां इसके प्रभाव को पेट्रोल और डीजल की कीमतों में लागू करती हैं।
इसके अलावा, अंतरराष्ट्रीय डॉलर के मुकाबले भारतीय मुद्रा के मूल्य में कमी आने पर भी पेट्रोल और डीजल की कीमतों में वृद्धि होती है। सरकार द्वारा तेल की कीमतों पर किसी तरह की सीमा न होने के कारण इन कीमतों में उतार-चढ़ाव देखा जा रहा है।
पेट्रोल और डीजल के दाम में अंतर
भारत में पेट्रोल और डीजल के दाम अलग-अलग राज्यों में भिन्न होते हैं। यह अंतर राज्य सरकारों द्वारा लगाए गए वाट्स (VAT) और आवश्यकता आधारित शुल्क के कारण होता है। जैसे, दिल्ली में पेट्रोल की कीमत 94.77 रुपये प्रति लीटर है, वहीं मुंबई में पेट्रोल की कीमत 103.44 रुपये प्रति लीटर तक पहुंच चुकी है।
इसके अलावा, कुछ प्रमुख राज्य जैसे आंध्र प्रदेश (108.35 रुपये), केरल (107.30 रुपये), और तेलंगाना (107.46 रुपये) में पेट्रोल की कीमतें ऊंची हैं। वहीं, पोर्ट ब्लेयर में पेट्रोल की कीमत सबसे सस्ती 82.46 रुपये प्रति लीटर है, जो कि भारत में सबसे कम है।
पेट्रोल और डीजल के दाम कैसे प्रभावित होते हैं?
- पेट्रोल और डीजल की कीमतों का सबसे बड़ा निर्धारण कच्चे तेल की कीमतों से होता है। जब कच्चे तेल की कीमतें बढ़ती हैं, तो पेट्रोल और डीजल की कीमतों में भी वृद्धि होती है।
- भारतीय रुपये की डॉलर के मुकाबले कीमत में गिरावट भी तेल की कीमतों को प्रभावित करती है। जब रुपये की कीमत घटती है, तो तेल की कीमतों में बढ़ोतरी होती है क्योंकि तेल का आयात डॉलर में होता है।
- पेट्रोल और डीजल की कीमतों में राज्य सरकार द्वारा लगाए गए वैल्यू एडेड टैक्स (VAT) और राजस्व शुल्क का भी असर होता है। अलग-अलग राज्यों में यह शुल्क अलग-अलग होता है, जिसके कारण दाम में भिन्नता आती है।
पेट्रोल और डीजल की कीमतों को लेकर आम लोगों की चिंताएं
पेट्रोल और डीजल की बढ़ती कीमतों से आम लोगों के बजट पर असर पड़ता है। गाड़ियों का इस्तेमाल करने वाले व्यक्तियों के लिए यह एक बड़ी चिंता का विषय बन गया है, क्योंकि लगातार बढ़ रही कीमतों के कारण यात्रा का खर्च बढ़ गया है। इसके साथ ही, ऑनलाइन डिलीवरी सेवाएं और उद्योगों को भी बढ़ी हुई लागत का सामना करना पड़ता है।
Frequently Asked Questions (FAQs)
1. क्या पेट्रोल और डीजल की कीमतें और बढ़ सकती हैं?
जी हां, कच्चे तेल की कीमतों में वृद्धि और भारतीय मुद्रा के मूल्य में उतार-चढ़ाव के कारण पेट्रोल और डीजल की कीमतें बढ़ सकती हैं।
2. भारत में सबसे सस्ता पेट्रोल कहां बिकता है?
भारत में पोर्ट ब्लेयर में पेट्रोल की कीमत सबसे सस्ती है, जो 82.46 रुपये प्रति लीटर है।
3. क्या पेट्रोल-डीजल की कीमतों पर सरकार कोई नियंत्रण रखती है?
सरकार पेट्रोल-डीजल की कीमतों को नियंत्रित नहीं करती है, हालांकि वह कच्चे तेल के आयात पर टैक्स और शुल्क लगाती है, जो इन कीमतों को प्रभावित करता है।
4. क्या पेट्रोल-डीजल के दाम में कोई स्थिरता आएगी?
हालांकि कच्चे तेल की कीमतें अंतरराष्ट्रीय बाजार में बदलती रहती हैं, लेकिन कुछ विशेषज्ञों का मानना है कि सरकार या कंपनियां कुछ समय के लिए दाम स्थिर रख सकती हैं, लेकिन वैश्विक घटनाओं और कीमतों के प्रभाव से दाम हमेशा बदलते रहते हैं।