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Govt Employees: सरकारी कर्मचारियों के लिए बड़ा झटका, कर्मयोगी कोर्स नहीं किया तो रुकेगी सैलरी

केंद्र सरकार का सख्त आदेश – कर्मयोगी प्लेटफॉर्म पर कोर्स अनिवार्य! बिना प्रमाणपत्र वेतन रोकने का फरमान। जानिए इस फैसले का क्या मतलब है, किन कोर्सेज की है जरूरत और कैसे बचें वेतन रुकने से।

By Akshay Verma
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Govt Employees: सरकारी कर्मचारियों के लिए बड़ा झटका, कर्मयोगी कोर्स नहीं किया तो रुकेगी सैलरी
कर्मयोगी कोर्स नहीं किया तो रुकेगी सैलरी

केंद्र सरकार के अधिकारियों और कर्मचारियों के लिए एक सख्त आदेश जारी किया गया है, जिसने उनकी चिंताओं को बढ़ा दिया है। सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय के प्रधान लेखा कार्यालय ने यह निर्देश दिया है कि जिन अधिकारियों ने आईजीओटी ‘कर्मयोगी’ (Karmyogi) प्लेटफॉर्म पर अनिवार्य ऑनलाइन प्रशिक्षण कोर्स पूरा नहीं किया है, उनके वेतन बिलों को मंजूरी नहीं दी जाएगी। आदेश के अनुसार, वेतन तभी जारी होगा जब अधिकारियों के पास कोर्स का प्रमाणपत्र होगा।

क्या है कर्मयोगी प्लेटफॉर्म?

आईजीओटी ‘कर्मयोगी’ प्लेटफॉर्म डिजिटल लर्निंग का एक महत्वपूर्ण साधन है, जिसे सिविल सेवकों के ज्ञान और दक्षताओं को बढ़ाने के उद्देश्य से शुरू किया गया है। इस प्लेटफॉर्म पर अधिकारियों को उनकी भूमिका से संबंधित आवश्यक कोर्सेज करने के लिए प्रेरित किया जाता है। यह प्रशिक्षण केवल कुछ घंटों का होता है, लेकिन यह अधिकारियों की कार्यकुशलता और नीति निर्माण से लेकर उनके जमीनी कार्यान्वयन तक हर पहलू में सुधार करता है।

कर्मयोगी कोर्स की पूरी जानकारी

प्लेटफॉर्म पर उपलब्ध कोर्सेज जैसे एफआरएसआर नियम, सार्वजनिक नीति निर्माण, डिजिटल गवर्नेंस, और साइबर सुरक्षा के आधारभूत पहलुओं पर अधिकारियों को प्रशिक्षित करते हैं। उदाहरण के तौर पर:

  • एफआरएसआर नियम: यात्रा भत्ता और अवकाश नियम से लेकर मकान किराया भत्ता तक, इन कोर्सेज की अवधि 2 से 5 घंटे के बीच होती है।
  • स्वच्छ भारत मिशन: यह कोर्स 45 मिनट में पूरा होता है और सचिवालय प्रशिक्षण एवं प्रबंधन संस्थान इसे कराता है।
  • साइबर सुरक्षा: भारतीय साइबर अपराध समन्वय केंद्र द्वारा आयोजित इस कोर्स की अवधि 1 घंटा 16 मिनट है।
  • व्यक्तिगत विकास और नेतृत्व: आत्म-नेतृत्व और भावनात्मक गुणांक बढ़ाने जैसे कोर्सेज अधिकारियों की व्यक्तिगत दक्षताओं को सुधारते हैं।

आदेश का उद्देश्य

यह आदेश सरकार के नियम-आधारित प्रणाली से भूमिका-आधारित प्रणाली में परिवर्तन को सुगम बनाने के लिए जारी किया गया है। डिजिटल युग में बढ़ती मांगों और नागरिकों की अपेक्षाओं को देखते हुए, कर्मयोगी प्लेटफॉर्म का उद्देश्य अधिकारियों को नए दृष्टिकोण और कौशल से लैस करना है ताकि वे सरकारी नीतियों और कार्यक्रमों को प्रभावी तरीके से लागू कर सकें।

1. क्या आईजीओटी प्लेटफॉर्म पर कोर्स करना अनिवार्य है?
जी हां, कोर्स अनिवार्य है, और इसे पूरा करने के बाद ही वेतन बिल स्वीकृत होगा।

2. कोर्स की अवधि कितनी होती है?
अधिकांश कोर्स 30 मिनट से 5 घंटे के बीच में पूरे हो जाते हैं।

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3. कोर्स प्रमाणपत्र कैसे प्राप्त करें?
आईजीओटी प्लेटफॉर्म पर कोर्स पूरा करने के बाद प्रमाणपत्र स्वचालित रूप से जनरेट हो जाता है।

4. क्या इन कोर्सेज के लिए कोई शुल्क देना होगा?
नहीं, यह कोर्स सरकारी कर्मचारियों के लिए निशुल्क हैं।

5. यदि कोर्स नहीं किया तो क्या होगा?
यदि अधिकारी कोर्स पूरा नहीं करते, तो उनके वेतन बिल को ‘होल्ड’ पर रखा जाएगा।

यह आदेश अधिकारियों को डिजिटल युग की आवश्यकताओं के लिए तैयार करने का एक बड़ा कदम है। हालांकि, यह अनिवार्यता कई अधिकारियों के लिए एक चुनौती बन गई है। लेकिन यदि इसे समय पर पूरा किया जाए, तो यह अधिकारियों की व्यक्तिगत और पेशेवर दक्षता को बढ़ाने में सहायक होगा।

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