बिहार में जमीन खरीद-बिक्री (Bihar Land Registry) का बाजार तेजी पकड़ रहा है, खासकर मुजफ्फरपुर और मोतिहारी जिलों में। इन जिलों ने राजस्व वसूली के मामले में बेहतरीन प्रदर्शन किया है। मोतिहारी ने लक्ष्य के मुकाबले अपनी राजस्व वसूली में उल्लेखनीय वृद्धि दिखाई है, वहीं मुजफ्फरपुर भी इस दौड़ में पीछे नहीं है। राजस्व विभाग के आंकड़ों से पता चलता है कि पश्चिमी चंपारण (बेतिया) ने 131.67% वसूली कर प्रदेश में अग्रणी स्थान प्राप्त किया है।
Bihar Land Registry: राजस्व वसूली में कमी वाले जिले
वहीं दूसरी ओर, शिवहर और सीतामढ़ी जिले में राजस्व वसूली का प्रदर्शन अपेक्षाओं से कम रहा। इन जिलों ने अपने निर्धारित लक्ष्यों का केवल 80% ही हासिल किया है। यह न केवल प्रशासनिक लापरवाही को उजागर करता है, बल्कि अधिकारियों की कार्यशैली पर भी सवाल खड़े करता है। विभागीय अधिकारियों ने इस गिरावट पर नाराजगी जाहिर करते हुए सुधारात्मक कदम उठाने के निर्देश दिए हैं।
बिहार में जमीन की रजिस्ट्री और सख्त निर्देश
जमीन की रजिस्ट्री प्रक्रिया को पारदर्शी और प्रभावी बनाने के लिए अधिकारियों को सख्त हिदायत दी गई है कि जमीन की सही जानकारी रजिस्ट्री के दौरान दी जाए। राजस्व चोरी रोकने के लिए विशेष जांच की जा रही है। जिन मामलों में मकानों को खाली जमीन दिखाकर रजिस्ट्री की गई है, उन पर जुर्माने के साथ सख्त कार्रवाई के निर्देश दिए गए हैं।
राजस्व वसूली के आंकड़े
31 अक्टूबर तक छह जिलों से 1031 करोड़ रुपये की वसूली हो चुकी है, जबकि लक्ष्य 1723.60 करोड़ रुपये का है। यानी लगभग 700 करोड़ रुपये की वसूली अभी बाकी है। सहायक निबंधन महानिरीक्षक राकेश कुमार ने अधिकारियों को निर्देश दिया है कि इस कमी को पूरा करने के लिए सभी जरूरी कदम उठाए जाएं।
इन जिलों में सबसे ज्यादा संभावना
सीतामढ़ी और शिवहर के लोग मुजफ्फरपुर और मोतिहारी में जमीन की रजिस्ट्री करवा रहे हैं। मुजफ्फरपुर-सीतामढ़ी फोरलेन परियोजना के पूरा होने से इस क्षेत्र में जमीन खरीद-बिक्री और बढ़ने की संभावना है। इससे इन जिलों की राजस्व वसूली और रियल एस्टेट बाजार में और तेजी आ सकती है।
- कौन से जिले राजस्व वसूली में सबसे आगे हैं?
मोतिहारी और बेतिया राजस्व वसूली में सबसे आगे हैं। - शिवहर और सीतामढ़ी की राजस्व वसूली में कमी क्यों है?
प्रशासनिक लापरवाही और रजिस्ट्री में गड़बड़ी इसके मुख्य कारण बताए गए हैं। - क्या जमीन की कीमतों में वृद्धि की संभावना है?
हां, फोरलेन निर्माण और बढ़ती मांग के कारण कीमतों में वृद्धि हो सकती है।
मुजफ्फरपुर और मोतिहारी जिलों ने जमीन खरीद-बिक्री और राजस्व वसूली में तेजी से बढ़त हासिल की है, जबकि कुछ जिलों को अभी भी अपनी कार्यप्रणाली सुधारने की जरूरत है। आने वाले समय में, बिहार में जमीन के बाजार और राजस्व संग्रहण में और भी सकारात्मक बदलाव की उम्मीद है।