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Cheque Bounce होने पर तुरंत करें ये काम, नहीं तो जाना पड़ सकता है जेल

खाली अकाउंट और गलत हस्ताक्षर से बढ़ सकती हैं आपकी मुश्किलें। जानिए Cheque Bounce के कानूनी नियम, जुर्माना और इसे रोकने के आसान तरीके, जो आपके पैसे और सम्मान दोनों बचा सकते हैं।

By Akshay Verma
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Cheque Bounce होने पर तुरंत करें ये काम, नहीं तो जाना पड़ सकता है जेल
Cheque Bounce

आज के डिजिटल युग में गूगल पे, फोन पे और नेट बैंकिंग जैसे ऑनलाइन माध्यमों का प्रचलन बढ़ गया है। लेकिन बड़ी रकम के भुगतान के लिए Cheque का इस्तेमाल आज भी एक महत्वपूर्ण तरीका माना जाता है। हालांकि, Cheque Bounce होने की समस्या बहुत सामान्य है, और इसे हल्के में लेना आपको गंभीर कानूनी परिणामों की ओर ले जा सकता है। Negotiable Instrument Act, 1881 के तहत चेक बाउंस होना एक दंडनीय अपराध है, जिसमें दो साल तक की सजा और जुर्माने का प्रावधान है।

Cheque Bounce होने के मुख्य कारण

  • बैलेंस की कमी: खाते में पर्याप्त बैलेंस न होना चेक बाउंस का सबसे आम कारण है।
  • हस्ताक्षर की त्रुटि: यदि चेक पर किया गया हस्ताक्षर खाते में दर्ज हस्ताक्षर से मेल नहीं खाता, तो चेक अस्वीकार हो सकता है।
  • ग़लत विवरण: चेक में भरी गई जानकारी जैसे अकाउंट नंबर या राशि में गलती।
  • चेक की समाप्ति: चेक की वैधता समाप्त हो जाने के बाद इसे जमा करने पर बाउंस हो सकता है।
  • जाली चेक का संदेह: बैंक किसी जाली चेक को अस्वीकार कर सकता है।
  • खाता बंद होना: चेक जारी करने वाले का खाता बंद होने पर भी चेक बाउंस हो सकता है।

Cheque Bounce के बाद क्या करें?

अगर आपका चेक बाउंस हो गया है, तो घबराने की ज़रूरत नहीं है। बैंक आपको गलती सुधारने का मौका देता है। बैंक आपको चेक बाउंस होने की जानकारी देगा और इसका कारण बताएगा। चेक बाउंस के बाद आपके पास तीन महीने का समय होता है। इस दौरान आप नया चेक जारी कर सकते हैं। समस्या का समाधान निकालने के लिए तुरंत ऋणदाता से संपर्क करें और उन्हें स्थिति समझाएं।

कब आ सकती है जेल जाने की नौबत

चेक बाउंस होने पर बैंक 150 रुपये से 800 रुपये तक का जुर्माना वसूल सकता है। यह राशि बैंक और कारण पर निर्भर करती है। अगर चेक बाउंस होने के बाद भी भुगतान नहीं किया गया, तो लेनदार आपको 30 दिनों के भीतर नोटिस भेज सकता है। नोटिस का उत्तर न देने पर लेनदार एक महीने के भीतर मजिस्ट्रेट की अदालत में शिकायत दर्ज कर सकता है। दोषी पाए जाने पर दो साल की जेल या जुर्माना या दोनों का सामना करना पड़ सकता है।

Cheque Bounce से बचने के उपाय

खाते में पर्याप्त बैलेंस सुनिश्चित करें। चेक की सही जानकारी भरें। हस्ताक्षर ध्यान से करें और चेक की वैधता की जांच करें। अगर भुगतान में देरी हो रही है, तो समय पर ऋणदाता को सूचित करें।

Q1. चेक बाउंस होने के कितने समय के भीतर शिकायत दर्ज की जा सकती है?
लेनदार नोटिस भेजने के 15 दिनों के भीतर जवाब का इंतजार करेगा। उसके बाद, वह एक महीने के भीतर अदालत में शिकायत दर्ज कर सकता है।

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Q2. क्या चेक बाउंस पर जेल जाना अनिवार्य है?
नहीं। दोष सिद्ध होने पर ही जेल की सजा हो सकती है। आप समय पर समाधान निकालकर कानूनी कार्रवाई से बच सकते हैं।

Q3. क्या जुर्माना चेक जारीकर्ता या धारक को देना होगा?
जुर्माना चेक जारीकर्ता को देना होता है।

Q4. क्या सभी बैंकों का जुर्माना समान होता है?
नहीं, हर बैंक जुर्माने की राशि अपने नियमों के अनुसार तय करता है।

Cheque Bounce एक गंभीर मामला है, जिसे नजरअंदाज करना कानूनी और वित्तीय जोखिमों को बढ़ा सकता है। समय पर समाधान और सावधानीपूर्वक चेक का उपयोग आपको इस समस्या से बचा सकता है।

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