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पिता चाहते थे प्रधानमंत्री बनें Vikas Divyakirti, Drishti IAS की अनसुनी कहानी

पिता का सपना था प्रधानमंत्री बने बेटा, लेकिन डॉ. विकास दिव्यकीर्ति ने चुना शिक्षा का रास्ता। संघर्ष, विवाद और सफलता के इस सफर में छिपी है हर युवा के लिए प्रेरणा। जानें कैसे Drishti IAS बना लाखों छात्रों का भरोसा!

By Akshay Verma
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पिता चाहते थे प्रधानमंत्री बनें Vikas Divyakirti, Drishti IAS की अनसुनी कहानी
Vikas Divyakirti

डॉ. विकास दिव्यकीर्ति (Dr Vikas Divyakirti) आज देश के सबसे प्रतिष्ठित IAS कोचिंग संस्थानों में से एक Drishti IAS के संस्थापक के रूप में जाने जाते हैं। सोशल मीडिया पर पिछले कुछ दिनों से उनके एक विवादित वीडियो को लेकर काफी चर्चा हो रही है। वीडियो में उनके द्वारा रामायण की चौपाइयों और देवी सीता के संदर्भ में की गई टिप्पणियों को लेकर बवाल मचा हुआ है। हालांकि, उन्होंने इस मुद्दे पर सफाई देते हुए इसे गलतफहमी करार दिया है।

उनकी कहानी सिर्फ विवादों तक सीमित नहीं है; यह संघर्ष, दृढ़ता और शिक्षा के प्रति समर्पण की मिसाल है। हरियाणा के एक साधारण मध्यमवर्गीय परिवार में जन्मे विकास दिव्यकीर्ति ने अपनी मेहनत और बुद्धिमत्ता से IAS अधिकारी बनने तक का सफर तय किया और फिर समाज को शिक्षित करने का महान लक्ष्य अपनाया।

Dr. Vikas Divyakirti: प्रारंभिक जीवन और शिक्षा

डॉ. विकास दिव्यकीर्ति का जन्म 26 दिसंबर 1973 को हुआ था। उनके माता-पिता हिंदी साहित्य के प्रोफेसर थे, जिससे शिक्षा और साहित्यिक परिवेश में उनकी परवरिश हुई। उन्होंने दिल्ली विश्वविद्यालय से हिंदी साहित्य में एमए, एमफिल और पीएचडी की। पढ़ाई में उनकी गहरी रुचि और सादगी ने उन्हें अलग बनाया।

दिल्ली विश्वविद्यालय में पढ़ाई के दौरान, उन्होंने राजनीति में जाने का सपना देखा। उनके पिता चाहते थे कि वे बड़े नेता बनें। हालांकि, पारिवारिक परिस्थितियों और जीवन की जटिलताओं ने उनके मार्ग को बदल दिया।

UPSC से Drishti IAS तक का सफर

1996 में विकास दिव्यकीर्ति ने अपने पहले प्रयास में यूपीएससी परीक्षा पास की और गृह मंत्रालय में IAS अधिकारी के रूप में नियुक्त हुए। लेकिन कुछ समय बाद, उन्होंने इस नौकरी से इस्तीफा दे दिया क्योंकि उनका झुकाव शिक्षा और छात्रों को मार्गदर्शन देने की ओर अधिक था।

1999 में, उन्होंने Drishti IAS की स्थापना की, जो आज लाखों छात्रों के लिए प्रेरणा का स्रोत बन चुका है। उनका YouTube चैनल भी बेहद लोकप्रिय है, जहां वे सिविल सेवा परीक्षाओं के लिए उपयोगी सामग्री प्रदान करते हैं।

छात्र राजनीति में सक्रिय थे Dr. Vikas Divyakirti

डॉ. दिव्यकीर्ति ने एक इंटरव्यू में बताया कि उनका जीवन कई संघर्षों से भरा रहा। कॉलेज के दौरान वे छात्र राजनीति और आंदोलनों में सक्रिय थे। लेकिन पारिवारिक समस्याओं और गंभीर खतरों के चलते उन्हें अपने राजनीतिक सपनों को छोड़ना पड़ा।

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उन्होंने यह भी साझा किया कि कठिन परिस्थितियों में उन्होंने खुद को “पत्थर दिल” मान लिया था। हालांकि, मां की मृत्यु ने उनके जीवन में गहरा असर छोड़ा और उन्हें अपनी संवेदनशीलता का अहसास कराया।

Q1: Drishti IAS की स्थापना कब और क्यों की गई?
Drishti IAS की स्थापना 1999 में डॉ. विकास दिव्यकीर्ति ने छात्रों को सिविल सेवा परीक्षाओं के लिए बेहतर मार्गदर्शन प्रदान करने के उद्देश्य से की।

Q2: डॉ. विकास दिव्यकीर्ति ने IAS की नौकरी क्यों छोड़ी?
उन्होंने IAS की नौकरी इसलिए छोड़ी क्योंकि उनका झुकाव शिक्षा और छात्रों को सशक्त बनाने की ओर अधिक था।

Q3: डॉ. दिव्यकीर्ति का विवादित वीडियो क्या है?
हाल ही में उनका एक वीडियो वायरल हुआ है, जिसमें वे रामायण की चौपाइयों का संदर्भ देते हुए टिप्पणियां करते नजर आए। इस पर उन्होंने सफाई देते हुए इसे गलतफहमी बताया है।

Q4: Drishti IAS का YouTube चैनल कितना लोकप्रिय है?
Drishti IAS का YouTube चैनल बेहद लोकप्रिय है और इसके 95 लाख से अधिक सब्सक्राइबर्स हैं।

डॉ. विकास दिव्यकीर्ति का जीवन संघर्ष, शिक्षा और प्रेरणा की अनूठी कहानी है। IAS अधिकारी से Drishti IAS के संस्थापक बनने तक का उनका सफर हर उस व्यक्ति के लिए मिसाल है, जो विपरीत परिस्थितियों में भी अपने सपनों को साकार करना चाहता है।

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