मध्य प्रदेश सरकार ने उन उपभोक्ताओं से बकाया बिजली बिल की वसूली के लिए एक नया सख्त प्लान तैयार किया है, जो समय पर बिल नहीं भरते हैं। इस योजना के तहत, जिन उपभोक्ताओं ने अपने बिजली बिल का भुगतान नहीं किया है, उनके बैंक खातों से सीधे राशि काटी जा सकती है।
इसके अलावा, उपभोक्ता के परिवार के अन्य सदस्यों के बैंक खातों से भी राशि काटी जा सकती है। इसके पीछे उद्देश्य है कि बिजली कंपनियों के 11,560 करोड़ रुपए की बकाया राशि को जल्द से जल्द वसूल किया जा सके।
नया वसूली प्लान: उपभोक्ताओं पर सख्ती
मध्य प्रदेश सरकार ने बकाया बिल वसूली के इस नए प्लान के अंतर्गत सभी जिलों में एक विशेष समिति का गठन किया है। इस समिति की अध्यक्षता जिलों के कलेक्टर करेंगे, जबकि इसके अन्य सदस्य एसपी, जिला पंचायत सीईओ, नगर निगम आयुक्त, सीएमओ और बिजली कंपनी के अधीक्षण अभियंता होंगे। इस समिति का मुख्य कार्य होगा कि बिजली चोरी को रोकना और बिजली कर्मचारियों पर होने वाली हिंसक घटनाओं पर कार्रवाई करना।
बैंक खाते से राशि काटने का प्रावधान
इस योजना के अंतर्गत, अगर कोई उपभोक्ता लगातार बिजली बिल नहीं भरता है, तो उसके बैंक खाते से बकाया राशि काटी जा सकती है। यह राशि उपभोक्ता के परिवार के अन्य सदस्यों के खातों से भी काटी जा सकती है। इसका उद्देश्य यह है कि बिल वसूली का काम जल्द से जल्द पूरा किया जा सके।
यदि किसी उपभोक्ता का ₹10,000 का बिजली बिल बकाया है, और वह इसे समय पर नहीं भरता है, तो यह राशि उसके या परिवार के अन्य सदस्यों के बैंक खातों से स्वतः ही काटी जा सकती है।
अटल गृह ज्योति योजना में बदलाव
सरकार अटल गृह ज्योति योजना में कुछ बदलाव करने का भी विचार कर रही है। इस योजना के तहत गरीब और निम्न आय वर्ग के उपभोक्ताओं को बिजली सब्सिडी प्रदान की जाती है। लेकिन वर्तमान आर्थिक स्थिति को देखते हुए सरकार अब इस योजना में सब्सिडी की राशि घटाने का विचार कर रही है। मध्य प्रदेश में फिलहाल 24,000 करोड़ रुपये की सब्सिडी दी जा रही है ताकि घरेलू और कृषि उपभोक्ताओं को बिजली की दरों में राहत मिल सके।
बिजली सब्सिडी योजनाएं और टैरिफ राहत
मध्य प्रदेश सरकार ने घरेलू और कृषि उपभोक्ताओं को बिजली में राहत देने के लिए सब्सिडी का प्रावधान किया है। सरकार ने विभिन्न योजनाओं के तहत सब्सिडी प्रदान की है, जिससे लाखों उपभोक्ताओं को राहत मिली है। इसमें शामिल हैं:
- नि:शुल्क विद्युत प्रदाय योजना: इस योजना के अंतर्गत गरीबी रेखा के नीचे के उपभोक्ताओं को नि:शुल्क बिजली प्रदान की जाती है।
- अटल गृह ज्योति योजना: इस योजना में उन घरेलू उपभोक्ताओं को सब्सिडी दी जाती है, जिनकी मासिक बिजली खपत 150 यूनिट तक है।
- अटल कृषि ज्योति योजना: कृषि पंप कनेक्शन वाले किसानों को इस योजना के तहत सस्ती दरों पर बिजली प्रदान की जाती है।
सब्सिडी का वितरण
वित्तीय वर्ष 2024-25 में बिजली सब्सिडी में वृद्धि की गई है, जिससे घरेलू और कृषि उपभोक्ताओं को टैरिफ में राहत मिलेगी। राज्य सरकार ने बिजली कंपनियों को 24,000 करोड़ रुपये से अधिक की सब्सिडी प्रदान की है, जिससे बिजली बिल का भार कम हो सके।
समिति में कौन होगा शामिल?
बिजली बिल वसूली में सख्ती के लिए गठित समिति में निम्नलिखित सदस्य होंगे:
- कलेक्टर – अध्यक्ष
- एसपी – सदस्य
- जिला पंचायत सीईओ – सदस्य
- नगर निगम आयुक्त – सदस्य
- सीएमओ – सदस्य
- बिजली कंपनी के अधीक्षण अभियंता – सदस्य
यह समिति बिजली बिलों की वसूली के साथ-साथ बिजली चोरी पर भी नजर रखेगी और किसी भी प्रकार की हिंसा या गड़बड़ी की स्थिति में तुरंत कार्रवाई करेगी।
1. क्या सरकार बैंक खाते से सीधे राशि काट सकती है?
हां, मध्य प्रदेश सरकार ने बकाया बिजली बिल की वसूली के लिए उपभोक्ताओं के बैंक खाते से राशि काटने का प्रावधान रखा है।
2. अगर परिवार के किसी सदस्य के नाम से खाता है, तो क्या उससे भी राशि काटी जा सकती है?
हां, सरकार ने बकाया वसूली के लिए उपभोक्ता के परिवार के अन्य सदस्यों के बैंक खाते से भी राशि काटने का प्रावधान रखा है।
3. अटल गृह ज्योति योजना में क्या बदलाव हो सकता है?
सरकार इस योजना में मिलने वाली सब्सिडी को घटाने पर विचार कर रही है ताकि बजट का संतुलन बनाए रखा जा सके।
4. क्या बिजली चोरी रोकने के लिए कोई खास समिति है?
हां, सभी जिलों में कलेक्टर की अध्यक्षता में एक समिति गठित की गई है, जो बिजली चोरी रोकने का कार्य करेगी।
5. कितनी सब्सिडी दी जा रही है?
वित्तीय वर्ष 2024-25 के लिए 24,000 करोड़ रुपये से अधिक की सब्सिडी का प्रावधान किया गया है।