नीट यूजी की तैयारी करने वाले छात्रों के लिए बड़ी खबर! सरकार ने इस परीक्षा को लेकर कई नियमों में अहम और बड़े बदलाव किए हैं। यह बदलाव वर्ष 2025 से लागू होने जा रहा है। यह नियम लागू होने के बाद से स्टूडेंट केवल तीन अथवा चार बार ही इस परीक्षा को दे सकते हैं। आइए जानते हैं इस बदलाव को अपनाने के लिए पीछे सरकार का क्या उद्देश्य है।
बदलाव की वजह और उद्देश्य
परीक्षा प्रक्रिया को बेहतर और सुरक्षित बनाने के लिए सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद विशेषज्ञ समिति को गठित किया गया जिसके तहत परीक्षा में बड़े बदलाव किए गए। अब छात्र इस परीक्षा के लिए केवल 3 से 4 प्रयास कर सकते हैं। इससे छात्र-छात्राओं की संख्या को समिति किया जाएगा और पेपर लीक जैसी समस्या पर रोज लग सकेगी।
आयु सीमा क्या है?
इस व्यवस्था को लागू करने का उद्देश्य परीक्षा में शामिल होने वाले छात्रों की संख्या को समिति करना और परीक्षा व्यवस्था में पारदर्शिता लाने के लिए किया गया है। समीति ने प्रस्ताव में कहा है कि परीक्षा में शामिल होने उम्मीदवारों की आयु सीमा तय होनी चाहिए।
समिति ने एक और राय दी है की प्रश्न पत्र इधर उधर भेजने या लीक होने की समस्या पर रोक लगाई जाए इसके लिए परीक्षा प्रणाली में अन्य बदलाव भी किए जाएंगे।
कंप्यूटर आधारित हो सकती है परीक्षा
हाल ही में जो रिपोर्ट बनाई गई है उसके अनुसार नीट, यूजी परिसखा को अब कंप्यूटर आधारित हाइब्रिड मोड में आयोजित किया जा सकता है। इस नए तरीके को इसलिए अपनाया जा रहा है ताकि पेपर लीक होने की परेशानो को खत्म किया जा सके।
कंप्यूटर पर हाइब्रिड मोड के तहत परीक्षा कराई जा रही है जिसके तहत आपको कंप्यूटर पर ही प्रश्न पत्र दिया जाएगा। इस प्रक्रिया के शुरू होने से आपको OMR शीट प्रदान नहीं की जाएगी। नए तरीके से परीक्षा में पारदर्शिता आएगी।
उच्च स्तरीय समीति का गठन
सुप्रीम कोर्ट के इंस्ट्रक्शन के आधार पर एक उच्च स्तरीय समिति का गठन किया गया था। इस गठन में देश के विशेषज्ञों को शामिल किया गया है उन्होंने ही एक मुख्य रिपोर्ट को तैयार किया है। इस समिति में एम्स दिल्ली के पूर्व निदेशक डॉ. रणदीप गुलेरिया, हैदराबाद केंद्रीय विश्वविद्यालय के वाईस चांसलर डॉ. विजय राव और आईआईटी दिल्ली के प्रोफ़ेसर आदित्य मित्तल जैसे प्रमुख नाम शामिल किए गए थे। समिति द्वारा 22 बैठक के बाद काफी विचार विमर्श किया गया है जिसके बाद यह रिपोर्ट तैयार की गई।