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Transport Voucher Yojana: स्कूल में पढ़ने वाले बच्चों को हर वर्ष मिलेगा 5400 की राशि, ऐसे करें आवेदन

Transport Voucher Yojana: राजस्थान सरकार की ट्रांसपोर्ट वाउचर योजना के तहत ग्रामीण छात्रों को स्कूल तक पहुँचने में आर्थिक मदद दी जाएगी। कक्षा 1 से 10 तक के छात्रों को उनकी उपस्थिति के आधार पर सालाना 5,400 रुपये तक मिलेंगे। योजना का लाभ विद्यालय से दूर रहने वाले ग्रामीण छात्रों को मिलेगा।

By Akshay Verma
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केंद्र और प्रदेशों की सरकारों की तरफ से कई बार छात्रों को लेकर काफी सारी योजना लाई जाती है। इस तरह की एक स्कीम को राजस्थान सरकार ने शुरू किया है जो कि ट्रांसपोर्ट वाउचर योजना है। जान ले कि इस स्कीम के अंतर्गत विद्यालयी छात्रों को हर साल में 5,400 रुपए दिए जाने है। काफी ग्रामीण छात्र अपनी पढ़ाई को पूरी करने में गांव से शहर जाते है।

छात्रों को आर्थिक मदद मिलेगी

राजस्थान की सरकार की ट्रांसपोर्ट वाउचर योजना एक अहम स्कीम है जो कि गांव के इलाकों में स्कूल से दूर रह रहे बच्चों को पैसे की मदद देगी। गौर करें कि सरकार की तरफ से क्लास 1 से 10 तक के छात्र इसका फायदा ले सकेंगे। योजना के अंतर्गत क्लास 1 से 5 तक के बच्चे हर दिन 10 रुपए और क्लास 6 से 8 तक के बच्चे 15 रुपए पाएंगे। इसी प्रकार से क्लास 9 से 10 तक के बच्चे को हर दिन 20 रुपए मिलेंगे। ये पैसे स्कूल में उपस्थित होने पर ही मिलेगी।

ये बच्चे फायदा ले सकेंगे

  • इस योजना का फायदा गांव में रहने वाले बच्चे ही पाएंगे।
  • राजकीय विद्यालय के बच्चे ही योजना का फायदा लेंगे।
  • घर से विद्यालय की दूरी 1 किमी से अधिक होनी अनिवार्य है।
  • क्लास 1 से 5 तक के लिए दूरी को 1 किमी रखा है।
  • ऐसे ही क्लास 1 से 8 तक के लिए 2 किमी और क्लास 9 से 10 के मामले में 5 किमी रखा है। तभी योजना का फायदा मिलेगा।
  • बच्चों की विद्यालय में उपस्थिति एकदम जरूरी है चूंकि इसी से उनको वाउचर की रकम मिलेगी।

Transport Voucher पाने का तरीका

अब जिनको भी योजना का फायदा लेने की इच्छा हो तो उनको अप्लाई करना होगा। तो हम आपको बता रहे है कि इस स्कीम में आपको किस तरह से Transport Voucher लेना है।

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  • सबसे पहले बच्चे के अभिभावक को उसके प्रधानाचार्य से मिलना है।
  • यहां उनको स्कीम का फॉर्म सही से भरना पड़ेगा।
  • फॉर्म को SDMC की तरह अनुमोदित करेंगे।
  • इसके बाद राज्य शाला दर्पण पोर्टल पर इसको दर्ज करेंगे।
  • फिर पात्र बच्चो को वाउचर की मदद से पैसे मिलेंगे।

प्रधानाचार्य बच्चों की रिपोर्ट बनाएंगे

शिक्षा परिषद के मुताबिक, शिक्षा विभाग के शिविरा पंचांग के अनुसार काम के दिनों का हिसाब लगेगा। यहां पर विद्यालय के प्रधानाचार्य या हेड मास्टर की रिपोर्ट को महत्व देंगे। इनको बच्चों की उपस्थिति के अनुसार ही उनकी रिपोर्ट को बनाना होगा और इसी से ही बच्चे छात्रवृति पा सकेंगे। इसी स्कीम से मॉडल स्कूल में पढ़ रही बालिकाएं भी फायदा पाएगी।

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