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आधार कार्ड से जुड़े अपराध करने वाले सावधान! अगर किए ये काम तो होगी जेल, लगेगा 1 लाख तक का जुर्माना

Aadhaar Card Crime: आधार कार्ड का दुरुपयोग और पहचान की चोरी गंभीर अपराध माने जाते हैं। UIDAI के अनुसार, आधार से जुड़ी गलत जानकारी देना, डेटा में हेरफेर करना, या बिना अनुमति जानकारी साझा करना अपराध है। ऐसे अपराधों पर 3 से 10 साल की जेल और 10,000 से 10 लाख तक का जुर्माना लगाया जा सकता है।

By Akshay Verma
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हमारे देश में आधार कार्ड उन दस्तावेजों में आता है वो व्यापक रूप से स्वीकृत हो रहे है। इसको एक वैध पहचान और निवास का प्रमाण देने वाला दस्तावेज कहते है जो कि कई तरीके के फायदे देता है।

आधार कार्ड में नाम, ऐड्रेस, मोबाइल नंबर और फिंगरप्रिंट की डीटेल्स रहती है। अब अगर ये आधार कार्ड कुछ लोगों के लिए परेशानी खड़ी कर रहा है। ऐसे में सभी को अपने आधार कार्ड को सेफ रखना चाहिए। गौर करें कि गलत लोगों के पास आधार कार्ड का यूज आइडेंटिटी थेफ्ट और गलत कामों में आपकी पर्सनल डीटेल्स के यूज में हो जाएगा।

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आधार के क्राइम और सजा

अब किसी के द्वारा आधार कार्ड के ज्यादा क्राइम किया गया हो तो उसको सजा होने के प्रावधान है। UIDAI के मुताबिक, आधार कार्ड को लेकर 8 क्राइम में सजा के प्रावधान है,

  • नामांकन के दौरान गलत जनसांख्यिकी या बायोमेट्रिक डीटेल्स देना एक क्राइम है। ऐसे में 3 सालो की जेल या 10 हजार रुपए के जुर्माने का कानून है।
  • आधार संख्या धारक की जन सांख्यिकी और बायोमेट्रिक डीटेल्स में बदलाव करना या इसकी कोशिश करके आधार कार्ड धारक की आईडी को अपना बनाना एक क्राइम है। ऐसे में 3 सालो की जेल या 10 हजार रुपए देने होंगे।
  • किसी नागरिक की आदि से जुड़ी डीटेल्स को जुटाने में अधिकृत एजेसी का नाटक करना भी एक क्राइम है। इसे में संलिप्त व्यक्ति को 3 सालो की जेल या 10 हजार रुपए का फाइल देना होगा। किंतु यह काम कंपनी करती हो तो उसको 1,00,000 रुपए का जुर्माना होगा।
  • नामांकन/ प्रमाणीकरण के समय ली हुई डीटेल्स को जानकर किसी गैर अधिकारी शख्स के सम्मुख जाहिर करना या इस एक्ट के अंतर्गत किसी समझौते या प्रणाली को तोड़ना भी क्राइम होगा। ऐसे में शख्स को 3 सालो की जेल या 10 हजार रुपए के जुर्माने के प्रावधान है। वही कंपनी के मामले में 1,00,000 रुपए जुर्माने या दोनों हो सकते है।
  • CIDR के पास गैर आधिकारिक पहुंच और हैकिंग करना एक क्राइम होता है। ऐसे में 10 सालो की जेल और मिनिमम 10 लाख रुपए का जुर्माना होता है।
  • केंद्रीय पहचान डेटा रिपोजीटेरी में रिकॉर्ड के मामले में छेड़खानी क्राइम होगा जिसमें संलिप्त को 10 सालो की जेल और 10 हजार रुपए देने के प्रावधान है।
  • अनुरोधक यूनिट या ऑफलाइन सत्यापन की इच्छुक यूनिट से किसी नागरिक की आईडी से जुड़ी डीटेल्स का गैर आधिकारिक यूज करना एक क्राइम होगा। ऐसे में 2 सालो की जेल या 10 हजार रुपए देने होंगे तो कंपनी के संलिप्त होने पर 1,00,000 रुपए जुर्माना या दोनों होंगे।
  • कोई उस क्राइम को लेकर जुर्माना, जिसमें किसी खास सजा के प्रावधान नहीं है। किसी शख्स के लिए 3 सालो आई जेल या 25 हजार रुपए तक का जुर्माना होगा। ऐसे ही कंपनी के लिए 1 लाख रुपए तक का जुर्माना या दोनों होंगे।

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