देश में हर दिन करोड़ों नागरिक यात्राएं करते हैं, जिनमें वे हर दिन नेशनल एवं स्टेट हाइवे पर सफर करते हैं। ऐसे में उन्हें टोल टैक्स जमा करना होता है। यह टैक्स सड़कों की मरम्मत एवं रखरखाव के लिए लिया जाता है। इसके लिए कई स्थानों पर टोल प्लाजा बनाए गए हैं। टोल प्लाजा से जुड़े नियमों (Toll Tax Rule) की जानकारी होने के बाद कई प्लाजा पर टैक्स फ्री किया जा सकता है।
Toll Tax Rule
भारतीय सड़क परिवहन द्वारा देश में सड़कों को सुगम एवं सुरक्षित बनाने के लिए नए हाइवे एवं एक्सप्रेसवे बनाए जा रहे हैं। इनके माध्यम से यात्रा के समय में बचत की जा सकती है। साथ ही नागरिकों को भी सुविधाजनक ढंग से सफर करने को मिलता है। हर एक्सप्रेसवे या हाइवे पर अलग-अलग टोल प्लाजा होता है, जिसमें सड़क के मेन्टीनेंस का टैक्स लिया जाता है।
टोल टैक्स को मुख्य रूप से सड़क का निर्माण एवं रखरखाव करने वाली कंपनी या NHAI द्वारा वसूला जाता है, इस टैक्स का मुख्य उद्देश्य सड़कों के संचालन एवं रखरखाव के लिए आवश्यक राशि को जमा करना होता है। NHAI के अनुसार यदि टोल प्लाजा पर 100 मीटर की लंबी लाइन लग जाए, तो ऐसे में वाहनों को बिना टोल टैक्स के निकाला जा सकता है। ऐसा करने से ट्रैफिक को कंट्रोल कर सकते हैं, साथ में यात्रियों को भी सुविधा होती है।
NHAI की टोल वसूली नीति
NHAI ने वर्ष 2021 में एक ट्वीट किया गया जिसमें उनके द्वारा Toll Tax Rule की जानकारी दी गई थी। टोल टैक्स का भुगतान करने के लिए अधिकतम समय 10 सेकेंड रहता है, यदि प्लाजा 10 सेकेंड से अधिक का समय लगाता है, तो ऐसे में वहाँ को प्लाजा से बाहर निकाला जा सकता है। यह नियम पीक आवर्स के दौरान लागू होता है।
टोल प्लाजा के पास में 100 मीटर पर एक पीली पट्टी रहती है, इस पट्टी के माध्यम से टोल पर ट्रैफिक की जानकारी देखी जा सकती है। इस पट्टी तक ट्रैफिक बढ़ने पर बिना टोल के वाहनों को आगे भेज दिया जाता है। फिर से जब गाड़ियों की लाइन 100 मीटर के अंदर रहती है, तो तब टैक्स वसूला जाता है।
Toll Tax 60KM Rule
सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्रालय के अनुसार टोल रूल 2008 के अनुसार यदि किसी हाइवे पर दो टोल प्लाजा के बीच की दूरी का अंतर कम से कम 60Km होना चाहिए। 60 किलोमीटर की दूरी के अंदर केवल एक ही टोल प्लाजा हो सकता है। हालांकि यह भी बताया गया है कि स्थान की कमी, ट्रैफिक एवं कंजेशन के कारण कभी-कभी 60 किलोमीटर में दो टोल प्लाजा हो सकते हैं।
टोल टैक्स एवं रोड टैक्स में अंतर
रोड टैक्स वह राशि है जिसका भुगतान वाहन चालकों द्वारा RTO (राज्य सड़क परिवहन कार्यालय) को किया जाता है, यह राज्य के अंदर सड़कों के उपयोग के लिए ली जाती है। टोल टैक्स केवल हाइवे या एक्सप्रेसवे पर ही लिया जाता है। यह किसी एक राज्य की सरकार को नहीं दिया जाता है, यह हाइवे का निर्माण करने वाली कंपनी पर निर्भर करती है।