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Saving Account: 10 लाख से ज्यादा पैसा जमा करने पर लगेगा 78% टैक्स, खाता हो जाएगा खाली

आयकर विभाग ने बचत खातों में नगद जमा करने की सीमा तय की है। अगर एक वित्तीय वर्ष में 10 लाख रुपये से अधिक की नगद पैसे जमा करते हैं और कमाई के बारे में नहीं बताते, तो उस पैसे पर 78% टैक्स लगाया जाएगा। यह नियम टैक्स चोरी रोकने के लिए लागू किए है।

By Akshay Verma
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Saving Account: 10 लाख से ज्यादा पैसा जमा करने पर लगेगा 78% टैक्स, खाता हो जाएगा खाली

आयकर विभाग ने हाल ही में बचत खातों (Saving Account) में नगद जमा राशि को लेकर नए दिशा-निर्देश जारी किए हैं। ये दिशा-निर्देश उन लोगों के लिए बेहद महत्वपूर्ण हैं, जो अपने बचत खातों में बड़ी मात्रा में नकदी जमा करते हैं। आयकर विभाग का मकसद है कि लेनदेन में पारदर्शिता लाई जाए और टैक्स चोरी को रोका जा सके। यदि आप अपने खाते में नगद पैसे जमा करते हैं, तो आपको इन नए नियमों की जानकारी होनी चाहिए, ताकि आप किसी भी अनचाहे टैक्स बोझ से बच सकें।

क्या है नया नियम?

आयकर विभाग ने यह स्पष्ट कर दिया है कि यदि कोई व्यक्ति अपने बचत खाते में एक वित्तीय वर्ष में 10 लाख रुपये से अधिक की नगद राशि जमा करता है, तो उसे उस पैसे का इनकम सोर्स बताना होगा। इसका मतलब है कि आपको यह साबित करना होगा कि ये पैसा कहाँ से कमाया है। यदि आप यह साबित नहीं कर पाते हैं, तो आयकर विभाग उस राशि पर 78% तक का टैक्स लगा सकता है।

यह नियम इसलिए लागू किया गया है ताकि बड़े नकद लेनदेन को ट्रैक किया जा सके और यह सुनिश्चित किया जा सके कि कोई भी व्यक्ति कर से बचने के लिए नकदी का दुरुपयोग न करे। अगर आप अपनी आय का स्रोत सही ढंग से नहीं बता पाते हैं, तो आपको बड़ी रकम का टैक्स चुकाना पड़ सकता है।

कैसे काम करेगा यह नियम?

नए दिशा-निर्देशों के अनुसार, अगर कोई व्यक्ति 10 लाख रुपये से अधिक की राशि अपने बचत खाते में जमा करता है, तो उसे उस जमा का स्रोत बताना होगा। यदि आप ऐसा करने में विफल होते हैं, तो आयकर विभाग उस राशि पर 60% टैक्स, 25% अधिभार, और 4% उपकर वसूल करेगा। इसके अलावा, आपको ब्याज और जुर्माना भी देना पड़ सकता है। इस प्रकार, यदि आप अपनी आय का स्रोत स्पष्ट नहीं कर पाते हैं, तो आपकी जमा राशि का एक बड़ा हिस्सा टैक्स में चला जाएगा।

उदाहरण से समझें: अगर आपके खाते में 10 लाख जमा होते हैं तो इस पर 60% Tax, 25% Surcharge और 4% cess लगाने पर कुल 7.8 लाख रुपये टैक्स कटेगा, जिससे आपके पास केवल 2.2 लाख रुपये ही बचेंगे।

कितना पैसा जमा कर सकते हैं सेविंग खाते में

नए नियमों के तहत, एक वित्तीय वर्ष में किसी भी बचत खाते में 10 लाख रुपये से अधिक नकद जमा करने पर आपको पैन कार्ड की जानकारी अनिवार्य रूप से देनी होगी। इससे पहले 50,000 रुपये से अधिक की राशि जमा करने पर पैन कार्ड की जानकारी दी जाती थी, लेकिन अब यह सीमा बढ़ाकर 2.5 लाख रुपये कर दी गई है। यानी अगर आप 2.5 लाख रुपये से अधिक नकद जमा करते हैं, तो आपको अपने पैन कार्ड की जानकारी देनी होगी।

इस बदलाव का उद्देश्य यह सुनिश्चित करना है कि बड़े नकद लेनदेन का रिकॉर्ड रखा जा सके और आयकर विभाग को यह जानकारी हो सके कि कौन-कौन से लोग बड़े पैमाने पर नकद लेनदेन कर रहे हैं।

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रोजाना लेनदेन की सीमा और पेनल्टी

नए नियमों के तहत, एक दिन में अगर आप 2 लाख रुपये से अधिक की नगद राशि जमा करते हैं, तो आपको इसका स्रोत भी बताना होगा। यदि आप ऐसा करने में विफल रहते हैं, तो आयकर विभाग आप पर 100% का जुर्माना भी लगा सकता है। इसका मतलब है कि आप जितनी राशि जमा कर रहे हैं, उतनी ही राशि आपको बतौर जुर्माना चुकानी पड़ेगी।

यह नियम बड़े नकद लेनदेन की निगरानी के लिए लागू किया गया है, ताकि बैंकिंग सिस्टम में पारदर्शिता बनी रहे और काले धन के लेनदेन पर रोक लगाई जा सके।

कैसे बचें 78% टैक्स के बोझ से?

यदि आप अपने बचत खाते में 10 लाख रुपये से अधिक नकद जमा कर रहे हैं, तो आपको निम्नलिखित बातों का ध्यान रखना चाहिए, ताकि आप टैक्स के बोझ से बच सकें:

  1. जब भी आप बड़ी राशि जमा करें, तो सुनिश्चित करें कि आपके पास उस राशि का सटीक विवरण और प्रमाण हो। यह दस्तावेज़ आपके काम आ सकते हैं, जैसे कि वेतन पर्ची, व्यवसाय से होने वाली आय, संपत्ति की बिक्री से प्राप्त राशि आदि।
  2. हमेशा अपने आयकर रिटर्न को सही समय पर और सही तरीके से दाखिल करें। इससे आयकर विभाग को आपकी आय के स्रोत और लेनदेन की जानकारी मिलती रहती है, और आपको अनावश्यक परेशानी का सामना नहीं करना पड़ता।
  3. कोशिश करें कि आप नगद लेनदेन के बजाय डिजिटल लेनदेन का अधिक से अधिक उपयोग करें। डिजिटल लेनदेन से आपकी वित्तीय स्थिति स्पष्ट रहती है और आयकर विभाग को भी आपकी आय के स्रोत का पता लगाने में आसानी होती है।

आयकर विभाग के नए नियमों का उद्देश्य

आयकर विभाग द्वारा लागू किए गए इन नए नियमों का मुख्य उद्देश्य देश में वित्तीय लेनदेन में पारदर्शिता लाना और कर चोरी को रोकना है। यह सुनिश्चित करना जरूरी है कि लोग अपने नकद लेनदेन का सटीक विवरण दें और टैक्स से बचने के लिए गलत तरीकों का सहारा न लें।

इसके अलावा, यह भी देखा जा रहा है कि लोग बड़े पैमाने पर नकद जमा कर रहे हैं, जो कि कानून के दायरे में रहकर हो। सरकार का यह प्रयास है कि टैक्स चोरी को रोका जाए और लोगों को कानून के तहत रहने के लिए प्रोत्साहित किया जाए।

आयकर विभाग द्वारा जारी किए गए नए दिशा-निर्देशों से यह स्पष्ट है कि बड़े नकद लेनदेन करने वाले लोगों को सतर्क रहने की आवश्यकता है। यदि आप अपने बचत खाते में 10 लाख रुपये से अधिक की नकद पैसे जमा कर रहे हैं, तो आपको उस राशि का स्रोत बताना अनिवार्य होगा। यदि आप ऐसा करने में विफल रहते हैं, तो आपको 78% तक का टैक्स देना पड़ सकता है।

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