सहारा इंडिया और उसके निवेशकों से जुड़ा मामला लंबे समय से चर्चा में है, जिसमें SEBI (भारतीय प्रतिभूति और विनिमय बोर्ड), लाखों निवेशक, और कई सरकारी एजेंसियां शामिल हैं। सहारा समूह पर निवेशकों के पैसे समय पर वापस न करने का आरोप है, जिससे यह मामला अदालतों तक पहुंचा। हाल ही में, 4-5 सितंबर 2024 को सुप्रीम कोर्ट ने इस केस से जुड़ी कई अहम जानकारियों को अपनी वेबसाइट पर सार्वजनिक किया और कुछ महत्वपूर्ण फैसले भी लिए।
सहारा बैंक फिर से खुलने की संभावना
सहारा समूह ने सुप्रीम कोर्ट में IA (Interlocutory Application) दायर करते हुए अनुरोध किया है कि वह अपनी संपत्ति बेचकर निवेशकों का पैसा लौटाना चाहता है। साथ ही, समूह का कहना है कि वह अपने कर्मचारियों की बकाया सैलरी भी चुकाना चाहता है। इसके लिए सहारा ने अदालत से संपत्तियां बेचने की अनुमति मांगी है, ताकि जुटाई गई धनराशि से यह कार्य संपन्न किया जा सके।
हाई कोर्ट ने सहारा समूह को यह अनुमति दी है कि वह अपनी संपत्तियों को बेच सकता है। लेकिन अदालत ने यह शर्त भी रखी है कि संपत्तियों की बिक्री से प्राप्त शेष धनराशि को सहारा-सेबी रिफंड अकाउंट में जमा किया जाएगा, जिससे निवेशकों को उनका पैसा वापस किया जा सके।
IA फाइलिंग और कोर्ट केस की स्थिति
हाल ही में, सहारा इंडिया ने एक बयान जारी करते हुए स्पष्ट किया था कि उनके सभी केस अब सुप्रीम कोर्ट के अधीन हैं, और वहीं पर इनकी सुनवाई होगी। हालांकि, सुप्रीम कोर्ट ने खुद आधिकारिक रूप से स्पष्ट किया कि सहारा से जुड़े सभी मामलों की सुनवाई उन संबंधित अदालतों में होगी, जहां केस पहले से लंबित हैं।
इसका मतलब है कि सहारा समूह पर चल रहे अलग-अलग राज्यों के हाई कोर्ट और जिला न्यायालयों में चल रहे मामलों की सुनवाई अब वहीं जारी रहेगी। सुप्रीम कोर्ट ने इन मामलों को संबंधित अदालतों में वापस भेज दिया है ताकि वे अपनी सुनवाई की प्रक्रिया जारी रख सकें।
सहारा इंडिया के निवेशकों और कर्मचारियों के लिए यह एक महत्वपूर्ण अपडेट है, जिसमें सुप्रीम कोर्ट और हाई कोर्ट ने सहारा समूह को अपनी संपत्ति बेचने की अनुमति दी है, जिससे निवेशकों का पैसा लौटाने की प्रक्रिया को आगे बढ़ाया जा सके। अब सहारा समूह को कोर्ट द्वारा निर्धारित शर्तों का पालन करते हुए अपनी संपत्ति बेचने और निवेशकों के हितों की रक्षा करने की आवश्यकता होगी।