भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) की ओर से नए दिशा निर्देश जारी किए गए हैं, जो की लोन अकाउंट्स पर पेनल्टी चार्ज और पेनल इंटरेस्ट को लेकर बनाई गई है, जिससे की लोन लेने वालों को बड़ी राहत मिलने की उम्मीद है, यह सभी जरूरी नियम लागू हो चुके है।
इस नए नियम का उद्देश्य सभी बैंक और गैर बैंकिंग वित्तीय कंपनियों को अनुसूचित शुल्क से रोकना है, यह नियम बैंकों की कार्यप्रणाली में पारदर्शिता लाने और ग्राहकों पर बिना मतलब के वित्तीय बोझ डालने से बचाने के लिए नए दिशा निर्देश जारी किए है, इन नए नियमों के अनुसार अब से पेनल्टी उस राशि पर लगेगी जो की समय पर नहीं चुकाई गई है, पहले की तरह पूरे लोन की राशि पर नहीं चुकाई जाएगी, क्योंकि इससे ग्राहकों पर बिना मतलब का वित्तीय दबाव कम होगा, जिससे की वो अपने कर्ज को सही से बिना किसी दबाव के चुका पाएंगे।
क्या होता है, सही डिफॉल्ट चार्ज
भारतीय रिजर्व बैंक के नए नियम के अनुसार अब से वित्तीय संस्थानों द्वारा केवल उचित डिफॉल्ट शुल्क ही लगाएं जाएंगे, यानी की अगर कोई ग्राहक लोन का भुगतान करने में देरी करता है, तो उस पर सिर्फ उसके द्वारा की गई देरी पर ही चार्ज लगाया, जाएगा, अंतिम वर्ष 18 अगस्त को जारी किए गए, संशोधनों के तहत इन नियमों को अप्रैल 2024 तक लागू करने की समय सीमा दी गई थी।
पेनल्टी चार्ज की सीमा
भारतीय रिजर्व बैंक की तरफ से यह स्पष्ट तौर पर कहा गया है, की पेनल्टी चार्ज की गणना का आधार केवल बकाया राशि होगी, बैंक या NBFCs लोन पुनर्भुगतान में चूक के मामले में मनमाने दंडात्मक शुल्क नहीं लगा सकेंगे, ऐसे शुल्क तब लगाए जाते है, जब लोन भुगतान समझौते की शर्तों का पालन न किया जाए, ऐसे में जो ग्राहक समय पर लोन का भुगतान नहीं करते, उनको भी अब इस नियम का पालन करना अनिवार्य होगा।
जानबूझकर डिफॉल्ट करने वालों पर कार्रवाई
हालाँकि यह गाइडलाइन उन लोगों के लिए राहत की बात नहीं है, जो जानबूझकर लोन का भुगतान नहीं करते, ऐसे ग्राहकों के खिलाफ सख्त कदम उठाने के लिए भारतीय रिजर्व बैंक संघ और राष्ट्रीय ई-गवर्नेंस सेवा लिमिटेड एक सिस्टम पर काम कर रहे है, जिससे की डिफॉल्टर्स को तेजी से पहचाना जा सकता है।
बड़े लोन में डिफॉल्ट की स्थिति
NBSL के आकड़ों के अनुसार, भारत देश में 10 से 100 करोड़ रुपए के लोन डिफॉल्ट की दर सबसे अधिक है, यह आकड़े यह दर्शाते, हैं की बड़े कर्जदार अपने कर्ज का भुगतान करने में लापरवाही करते है, और अब जो नए नियम बनाए, गए है वो इस स्थिति में सुधार लाने की कोशिश करेंगे।
लोन लेने वाले ग्राहकों हेतु सुझाव
लोन लेने वाले ग्राहकों को हमेशा समय पर EMI का भुगतान करना चाहिए, यदि आपको किसी महीने आर्थिक परेशानी का सामना करना पड़ रहा है, तो फौरन बैंक से सम्पर्क करें, लोन लेते समय लोन से सम्बंधित जानकारी को व लोन से जुड़ी शर्तों को अच्छी तरह से समझें और अपने अंदर के संकोच को दूर करें, आप अपनी जरूरत अनुसार ही लोन लें ऐसा न हो की आप बाद में लोन न चुका पाएं।
भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) की नई गाइडलाइन से लोन धारकों को बड़ी राहत मिलेगी, इसका उद्देश्य वित्तीय संस्थाओं द्वारा लगाए, जाने वाले अनावश्यक और अत्यधिक दंडात्मक शुल्कों को रोकना है, इससे न ग्राहकों के हित सुरक्षित रहेंगे, बल्कि वित्तीय क्षेत्र में पारदर्शिता और अनुशासन भी बढ़ेगा।