जिस समय किसी प्रोपर्टी को खरीदा जाता है तो इसकी रजिस्ट्री को तहसील में करवाने के बाद लोग निश्चिंत हो जाते है। किंतु ऐसे लोग ये जान ले कि केवल रजिस्ट्री कर लेने से ही किसी दुकान, प्लाट या मकान के पूरे मालिक नहीं बन पाते है। ऐसा करने पर भी काफी तरीके से बाते रहती है जोकि किसी को प्रोपर्टी का मालिकाना अधिकार नहीं देती है।
इस स्थिति में जो लोग खरीदी गई प्रोपर्टी के दाखिल-खारिज का काम नहीं कर चुके हो तो वो मुश्किल में पड़ जाते है। यह काम न करने पर काफी प्रोपर्टी विवादित हो जाती है।
प्रोपर्टी खरीदने में बड़ी चूक
काफी लोग प्रोपर्टी लेते समय इसकी रजिस्ट्री तो कर लेते है किंतु वो एक खास काम करने से चूक जाते है। ऐसे में गौर करें कि प्रोपर्टी की दाखिल-खारिज का काम काफी अनिवार्य रहता है। ऐसे न करने पर उस प्रोपर्टी पर आपको पूरा कानूनन अधिकार नहीं मिल सकेगा।
आजकल काफी मामलों में एक ही प्रोपर्टी को जालसाज लोग 2 बार भी बेचते देखे गए है। काफी मौकों पर ये भी होता है कि किसी प्रोपर्टी को बेचकर उस प्रोपर्टी प्रोपर्टी को खरीदने वाले के नाम से करवाकर जमीन से लोन भी लिया है। ऐसा इस वजह से हुआ चूंकि जमीन के खरीदार ने सिर्फ रजिस्ट्री करवाई है और इस प्रोपर्टी का दाखिल-खारिज अपने नाम से नहीं किया है।
रजिस्ट्री के साथ म्यूटेशन भी जरूरी
देश के रजिस्ट्रेशन एक्ट के अनुसार, 100 रुपए से अधिक कीमत की हर प्रकार की प्रोपर्टी का ट्रांसफर लिखित होना चाहिए। इसमें आपने जमीन के दाखिल-खारिज को भी करना अनिवार्य है। प्रोपर्टी के रजिस्ट्रेशन का काम सब-रजिस्ट्रार ऑफिस में करते है। जमीन/ फ्लैट की रजिस्ट्री हो जाने पर किसी को दाखिल-खारिज को लेकर भागदौड़ नहीं करनी होगी चूंकि इसको ऑनलाइन कर सकेंगे।
सिर्फ रजिस्ट्री से मालकीयत नही मिलेगी
गौर करें कि रजिस्ट्री को सिर्फ ओनरशिप के ट्रांसफर का दस्तावेज मानते है और ये पूरी तरह से मालिकाना अधिकार नहीं देता। इसके बाद रजिस्ट्री के मुताबिक दाखिल-खारिज करवा लेने पर प्रोपर्टी की पूरी मालकीयत मिलेगी। ऐसे में किसी भी प्रोपर्टी लेने पर रजिस्ट्री करके ही चिंतामुक्त न हो।
ऐसे दाखिल-खारिज करना है
- ऑनलाइन – इंटरनेट से ऑनलाइन ही घर पर दाखिल-खारिज का अप्लाई हो सकता है। काफी राज्य इस काम का अलग ऑनलाइन पोर्टल लॉन्च कर चुके है।
- ऑफलाइन – अपने स्थानीय सब रजिस्ट्रार कार्यालय या रेवेन्यू विभाग से दाखिल-खारिज की स्थिति ले सकते है। यहां आवेदन देकर दाखिल-खारिज ऑफलाइन हो जाएगा। सत्यापन में सभी कुछ सही होने पर 10 से 15 दिन में काम हो जायेगा।