देश में परिवार और संपत्ति से जुड़े केस काफी अहमियत रखते है। बीते वर्षों में ही माता-पिता से जुड़ी प्रॉपर्टी पर बच्चों के हक के लिए काफी अहम निर्णय देखने को मिले है। कई निर्णय पुराने दौर की मान्यता को तोड़कर पुत्रियों को भी अधिकार देते है। आज के लेख आप जानेंगे कि बीते दिनों सरकार माता-पिता की प्रॉपर्टी पर पुत्र-पुत्रियों के हक कौन से नए नियम बनाए थे। आप इन नियमों के लोगो पर प्रभाव को भी जानेंगे।
प्रॉपर्टी को लेकर नए नियम
- खुद से ली प्रॉपर्टी पर माता-पिता का पूर्ण अधिकार – माता-पिता अपनी आय की प्रॉपर्टी को इच्छानुसार किसी को दे सकेंगे।
- पुत्री को समान अधिकार – पैतृक प्रॉपर्टी में पुत्रियों को पुत्रों के समान हिस्सा होगा।
- शादी होने पर भी पुत्री को अधिकार – विवाहित पुत्री का भी पैतृक प्रॉपर्टी पर हक होगा।
- जॉइंट फैमिली की प्रॉपर्टी में सब का अधिकार – जॉइंट फैमिली की प्रॉपर्टी में हर मेंबर का समान हक होगा।
- वसीयत की अहमियत – वसीयत में माता-पिता सर्वोपरि होंगे।
- बच्चे की जिम्मेदारी – माता-पिता की देखरेख न होने पर बच्चों को लिमिटेड अधिकार मिलेंगे।
खुदी से ली प्रॉपर्टी पर माता-पिता का पूरा हक
- माता-पिता उनकी इनकम से ली प्रॉपर्टी को उनकी मर्जी से किसी को भी दे सकेंगे।
- उनके बच्चे इस प्रॉपर्टी पर दावेदार नहीं हो सकेंगे। (पुत्री और पुत्र दोनों)
- माता-पिता उनके पैसे की प्रॉपर्टी को दूसरे व्यक्ति या संस्था को दे सकेंगे।
- अगर माता-पिता बगैर वसीयत किए मर जाए तो प्रॉपर्टी बच्चों की होगी।
पुत्री को भी समान अधिकार
- पुत्रियों को पैतृक प्रॉपर्टी में समान हिस्सा मिलेगा।
- पुत्रियां अपने पिता के प्रॉपर्टी में हिस्सा मांग सकेगा और भाई विरोध नहीं कर सकेंगे।
- अगर पिता जिंदा रहते प्रॉपर्टी को बांट चुके है तो पुत्री इस निर्णय को चुनौती दे सकेगी।
- पुत्री उसके हिस्से की प्रॉपर्टी को बेच सकेगी या किराए पर दे सकेगी।
शादी होने पर पुत्री के अधिकार
प्रॉपर्टी के नियम पुत्रियों के लिए काफी अहम साबित होंगे चूंकि ये उनके अधिकार तय करेंगे,
- विवाह होने पर भी पुत्री अपने पिता की प्रॉपर्टी में हिस्सा मांग सकेगी।
- शादी होने पर भी पुत्री को पैतृक प्रॉपर्टी से अलग नहीं कर सकते है।
- विवाहित पुत्री को भी पैतृक प्रॉपर्टी में समान अधिकार होगा।
जॉइंट फैमिली में प्रॉपर्टी के कानून
- ऐसे परिवारों की प्रॉपर्टी में हर एक मेंबर को समान हक मिलेगा।
- प्रॉपर्टी को बांटने में हर एक मेंबर की सहमति अनिवार्य रहेगी।
- किसी एक मेंबर को अन्य के हिस्से से वंचित नहीं कर सकेंगे।
- जॉइंट प्रॉपर्टी को बेचने या किराए पर देने में प्रत्येक मेंबर से पूछना होगा।
अब इन नए कानूनों ने वसीयत की अहमियत को बढ़ाया है और माता पिता की वसीयत सर्वोपरि है। वसीयत से मिली प्रॉपर्टी में बच्चों को कानूनी हक नहीं रहेगा। अदालत में वसीयत को चुनौती देने कठिन होगा।