भारत सरकार द्वारा संचालित पोस्ट ऑफिस की राष्ट्रीय बचत योजना (National Savings Scheme – NSS) में अब एक महत्वपूर्ण बदलाव किया गया है। सरकार ने घोषणा की है कि इस योजना के तहत अब 1 अक्टूबर 2024 से ब्याज का भुगतान बंद कर दिया जाएगा। जिन लोगों का NSS में निवेश है, उन्हें 30 सितंबर 2024 तक अपनी राशि निकालने की सलाह दी गई है। यह फैसला उन जमाकर्ताओं पर असर डालेगा जिन्होंने भविष्य के लिए अपनी जमा राशि को सुरक्षित रखा था।
समय पर राशि निकालें, KYC भी करें अपडेट
सरकार द्वारा जारी दिशा-निर्देशों के अनुसार, NSS में 37 साल पहले निवेश करने वाले जमाकर्ताओं को सलाह दी गई है कि वे अपनी जमा राशि 30 सितंबर 2024 तक निकाल लें। इस समय सीमा के बाद ब्याज का भुगतान पूरी तरह से बंद हो जाएगा। इसके अतिरिक्त, सभी जमाकर्ताओं से केवाईसी (Know Your Customer – KYC) जानकारी को भी अपडेट करने का अनुरोध किया गया है ताकि खातों में किसी प्रकार की असुविधा न हो।
NSC और NSS में विभिन्नता
यह ध्यान रखना महत्वपूर्ण है कि राष्ट्रीय बचत योजना (NSS) और नेशनल सेविंग सर्टिफिकेट (NSC) दो अलग योजनाएं हैं। NSS योजना को 1992 में नए निवेश के लिए बंद कर दिया गया था, जबकि NSC एक सक्रिय योजना है और इसमें कोई बदलाव नहीं किया गया है। NSS खाताधारकों को अब ब्याज का लाभ नहीं मिलेगा, जबकि NSC में निवेश करने वाले ग्राहकों पर इस फैसले का कोई असर नहीं पड़ेगा। NSS में ब्याज दर मार्च 2003 से 30 सितंबर 2024 तक 7.5% थी, जो अब बंद कर दी जाएगी।
NSS की शुरुआत और इतिहास
NSS की शुरुआत 1987 में की गई थी, और यह योजना 1992 तक जारी रही। इसके बाद इसे अस्थायी रूप से फिर से शुरू किया गया, लेकिन 2002 में अंततः इसे नए निवेश के लिए पूरी तरह से बंद कर दिया गया। हालांकि, सरकार ने पुराने खाताधारकों को राहत देते हुए मौजूदा जमा राशि पर ब्याज का भुगतान जारी रखा था। NSS के तहत जमाकर्ताओं को सालाना ₹40,000 तक का निवेश करने का अवसर मिलता था, जिसमें जमा की गई राशि आयकर अधिनियम की धारा 80C के तहत कर छूट के योग्य होती थी।
अक्टूबर 2024 से पहले और बाद के NSS खाते
- अगर आपने 1 अक्टूबर 2024 से पहले अपने NSS खाते में निवेश किया है, तो आपको 30 सितंबर 2024 तक 7.5% प्रति वर्ष की दर से ब्याज मिलेगा।
- 1 अक्टूबर 2024 के बाद से NSS में कोई भी नया खाता या जमा स्वीकार नहीं किया जाएगा और इस पर कोई ब्याज नहीं दिया जाएगा। इसका मतलब है कि NSS अब केवल एक पुरानी योजना के रूप में ही सीमित रहेगी।
टैक्स नियम
NSS खाते से राशि निकालते समय टैक्स नियम भी महत्वपूर्ण हैं। आधिकारिक निर्देशों के अनुसार, NSS से निकाली गई राशि उस वर्ष में टैक्स के अधीन होगी जिस वर्ष इसे निकाला जाएगा। यदि जमाकर्ता अपनी जमा राशि नहीं निकालते हैं, तो खाता में जमा ब्याज टैक्स-मुक्त रहेगा। साथ ही, अगर जमाकर्ता की मृत्यु हो जाती है और उनके उत्तराधिकारी NSS से फंड निकालते हैं, तो पूरी राशि टैक्स-मुक्त मानी जाएगी।
NSS के बंद होने का निवेशकों पर असर
यह नया बदलाव उन निवेशकों के लिए चुनौतीपूर्ण हो सकता है जिन्होंने NSS में लंबे समय के लिए निवेश किया था। NSS में ब्याज बंद होने से यह योजना अन्य बचत योजनाओं की तुलना में कम आकर्षक हो गई है। अब निवेशकों के पास विकल्प है कि वे अपनी राशि निकालकर किसी और बचत योजना में निवेश करें, ताकि उन्हें अधिक लाभ मिल सके।