बिहार में जमीन विवाद और अवैध कब्जे के मामलों पर अब सरकार ने सख्त रुख अपनाया है। राजस्व एवं भूमि सुधार विभाग के अपर मुख्य सचिव दीपक कुमार ने गृह विभाग को निर्देशित करते हुए यह सुनिश्चित किया है कि ऐसे मामलों में तुरंत कार्रवाई की जाए।
अब अंचलाधिकारी (CO) और थाना अधिकारी (SHO) को ऑन-द-स्पॉट एक्शन का पावर दिया गया है। पुलिस को निर्देश दिया गया है कि पीड़ितों को तुरंत राहत प्रदान की जाए और दोषियों को कड़ी सजा दी जाए।
जमीन कब्जे पर पुलिस को मिले सख्त निर्देश
अपर मुख्य सचिव दीपक कुमार ने स्पष्ट किया है कि जमीन विवाद के मामलों में पुलिस की ढिलाई अब बर्दाश्त नहीं की जाएगी। उन्होंने जिलाधिकारियों और पुलिस अधीक्षकों को निर्देश दिए हैं कि जमीन कब्जे के मामलों को प्राथमिकता के आधार पर हल करें। अगर कोई व्यक्ति बलपूर्वक या हथियारों के जरिए कब्जा करता है, तो उसे तुरंत गिरफ्तार कर धारा 329 और धारा 126 के तहत मुकदमा दर्ज किया जाएगा।
दबंगों का कब्जा रोकने की योजना
दीपक कुमार ने कहा कि कमजोर वर्ग और छोटे किसानों की जमीन पर कब्जा करने वाले भू-माफियाओं के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी। पुलिस को यह सुनिश्चित करना होगा कि ऐसे मामलों में पीड़ित को अदालत का दरवाजा खटखटाने की जरूरत न पड़े। पुलिस अब स्वतः संज्ञान लेकर कार्रवाई करेगी, जिससे न्याय प्रक्रिया तेज हो सके।
जिला स्तर पर आयोजित होने वाली साप्ताहिक बैठकों को और प्रभावी बनाने की योजना है। इन बैठकों में जमीन विवाद के लंबित मामलों को प्राथमिकता दी जाएगी। प्रशासन यह सुनिश्चित करेगा कि हर सप्ताह ठोस परिणाम सामने आएं।
अवैध कब्जे पर होगी कठोर सजा
अगर कोई हथियारों के दम पर जमीन कब्जा करता पाया जाता है, तो उसके खिलाफ कठोर कार्रवाई होगी। ऐसे व्यक्तियों को तुरंत गिरफ्तार कर बिना जमानत के तीन साल तक बांड भरने का आदेश दिया जा सकता है। इससे पीड़ित वर्ग में सुरक्षा की भावना और भू-माफियाओं में भय उत्पन्न होगा।
भारतीय दंड संहिता के प्रावधान
जमीन विवाद के मामलों में भारतीय दंड संहिता की धारा 329 और 126 के तहत कार्रवाई की जाएगी। यह धारा अपराधियों को कठोर सजा का प्रावधान देती है। इसके अलावा, पुलिस को यह सुनिश्चित करने के निर्देश दिए गए हैं कि किसी भी पीड़ित को धमकाने या प्रताड़ित करने की घटना न हो।
1. धारा 329 के तहत क्या प्रावधान हैं?
यह धारा बलपूर्वक जमीन कब्जे या हिंसा करने वाले व्यक्तियों को कठोर सजा का प्रावधान करती है। दोषियों को जुर्माना और जेल की सजा दोनों हो सकती हैं।
2. क्या पुलिस स्वतः संज्ञान लेकर कार्रवाई कर सकती है?
हां, पुलिस को निर्देश दिए गए हैं कि वह जमीन विवाद के मामलों में स्वतः संज्ञान लेकर कार्रवाई करें, ताकि पीड़ित को राहत मिल सके।
3. हथियार के बल पर कब्जा करने वालों के लिए क्या दंड है?
ऐसे व्यक्तियों को तुरंत गिरफ्तार किया जाएगा और उन्हें बिना जमानत के तीन साल तक बांड भरने का आदेश दिया जा सकता है।
4. साप्ताहिक बैठकें क्यों महत्वपूर्ण हैं?
इन बैठकों का उद्देश्य लंबित मामलों का जल्द निपटारा करना है, ताकि प्रशासन और पुलिस मिलकर पीड़ित पक्ष को न्याय दिला सकें।
बिहार सरकार ने जमीन विवाद के मामलों में पुलिस और प्रशासन को सख्त कार्रवाई के निर्देश दिए हैं। अब अंचलाधिकारी (CO) और थाना अधिकारी (SHO) को ऑन-द-स्पॉट एक्शन का पावर मिलेगा। भू-माफियाओं पर शिकंजा कसने के लिए धारा 329 और 126 के तहत कठोर सजा का प्रावधान किया गया है।