अब सोलर सिस्टम में बैटरी की जरूरत खत्म
अभी तक के सोलर सिस्टम में पॉवर के लिए बैटरी चाहिए होती थी किंतु काफी कंपनी की तरफ से ऐसे इन्वर्टर आने लगे है जोकि सोलर पैनलों से डायरेक्ट घरों के बिजली खर्च को चला रहा है।
इन्वर्टर का खर्च और विशेषताएं
- नेक्सेस कंपनी का नेक्सेस एन्नो 8G 5.8kW – 48 वोल्ट ऑफ ग्रिड सोलर इन्वर्टर जोकि करीबन 1.10 लाख रुपए के खर्च पर आएगा।
- फ्लिनएनर्जी कंपनी का फ्लिनमार्वल MPPT 5.6kW – 48 वोल्ट सोलर इन्वर्टर जोकि करीबन 90 हजार रुपए के खर्च पर आएगा।
इन इन्वर्टरो से 5kW तक के बिजली खर्च को चला सकेंगे और 6kW तक के सोलर पैनलों को लगा सकेंगे।
ये सभी फायदा देंगे इनवर्टर्स
- बैटरी नही चाहिए होगी जोकि खर्च में कमी करेगा।
- इसको रख रखाव की आवश्यकता नहीं होगी।
- सोलर पैनलों से डायरेक्ट लोड चलने से एनर्जी भी बचेगी।
बैटरी बगैर सोलर सिस्टम का प्रोसेस
सोलर पैनलों से DC फॉर में पावर पैदा होती है जिसको सोलर इन्वर्टर AC में बदल देता है। पैनलों और इन्वर्टर में सोलर चार्ज कंट्रोलर का यूज पैनलों से डायरेक्ट इन्वर्टर तक पावर भेजने को करते है। बैटरी के बगैर काम करने वाले सोलर सिस्टम यह है,
- ग्रिड बेस्ड सोलर सिस्टम – इसमें सोलर पैनलों को सोलर इन्वर्टर के द्वारा डायरेक्ट ग्रिड से जोड़ते है। पैनल से मिली एक्सेस पावर ग्रिड में वापिस भेजते है और सोलर से कम पावर मिलने पर ग्रिड से पावर लेते है।
- ट्रांसफार्मर-लेस इन्वर्टर – ऐसे सोलर इन्वर्टर को DC से AC बदलने में ट्रांसफार्मर नही चाहिए होगा। इससे ये बैटरी के बगैर ग्रिड-टाइड सिस्टम में अधिक एफिशिएंट और सही रहते है।