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सरकारी नौकरी चाहिए? दो से ज्यादा बच्चे हैं तो नहीं मिलेगी नौकरी, सुप्रीम कोर्ट का बड़ा फैसला!

सुप्रीम कोर्ट ने राजस्थान के उस नियम को मंजूरी दी है, जिसके तहत जिनके दो से अधिक बच्चे हैं, उन्हें सरकारी नौकरी नहीं मिलेगी। जानें इस निर्णय के पीछे के कारण, परिवार नियोजन का महत्व, और कैसे यह फैसला सरकारी नौकरी की तैयारी कर रहे युवाओं पर प्रभाव डाल सकता है।

By Akshay Verma
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सरकारी नौकरी चाहिए? दो से ज्यादा बच्चे हैं तो नहीं मिलेगी नौकरी, सुप्रीम कोर्ट का बड़ा फैसला!
सरकारी नौकरी चाहिए?

हाल ही में सुप्रीम कोर्ट ने एक महत्वपूर्ण निर्णय सुनाया है, जिसमें उसने राजस्थान राज्य के एक विवादास्पद सर्विस नियम को सही ठहराया है। इस नियम के अनुसार, जिनके दो से अधिक बच्चे हैं, वे सरकारी नौकरी के लिए अयोग्य माने जाएंगे। कोर्ट का यह निर्णय परिवार नियोजन और जनसंख्या नियंत्रण को प्रोत्साहन देने की दिशा में एक बड़ी पहल मानी जा रही है।

दो से ज्यादा बच्चे हैं तो नहीं मिलेगी सरकारी नौकरी

राजस्थान सरकार ने राजस्थान पुलिस अधीनस्थ सेवा नियम, 1989 के नियम 24(4) के तहत यह प्रावधान लागू किया था कि 1 जून 2002 के बाद जिन आवेदकों के दो से अधिक बच्चे हैं, उन्हें सरकारी नौकरी के लिए योग्य नहीं माना जाएगा। यह नियम परिवार नियोजन के उद्देश्यों को ध्यान में रखते हुए लागू किया गया था।

इस नियम को लेकर पूर्व सैनिक रामजी लाल जाट ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की थी, जिसमें उन्होंने यह तर्क दिया था कि यह नियम भेदभावपूर्ण है और उनके संवैधानिक अधिकारों का हनन करता है। रामजी लाल जाट, जो रक्षा सेवा से रिटायर होने के बाद राजस्थान पुलिस में नौकरी के लिए आवेदन कर रहे थे, उनकी उम्मीदवारी को इस नियम के कारण खारिज कर दिया गया था।

सुप्रीम कोर्ट का निर्णय और टिप्पणी

सुप्रीम कोर्ट ने राजस्थान सरकार के इस नियम को बरकरार रखते हुए कहा कि सरकार के नीति-निर्माण के अधिकार के तहत इस तरह के नियम बनाए जा सकते हैं। जस्टिस सूर्यकांत, जस्टिस दीपांकर दत्त, और जस्टिस केवी विश्वनाथन की पीठ ने यह फैसला सुनाया और कहा कि सरकारी नौकरी के लिए योग्य होने के मापदंड तय करना राज्य सरकार का अधिकार है और यह नियम संविधान के तहत उचित है।

कोर्ट ने यह भी टिप्पणी की कि यह नियम संविधान के अनुच्छेद 14 और 15 के खिलाफ नहीं है, क्योंकि इसका उद्देश्य परिवार नियोजन और जनसंख्या नियंत्रण को बढ़ावा देना है। इससे पहले भी सुप्रीम कोर्ट ने पंचायत चुनावों के संबंध में इसी तरह का निर्णय दिया था कि जिनके दो से अधिक बच्चे हैं, वे पंचायत चुनाव नहीं लड़ सकते।

कोर्ट का तर्क: राज्य का नीति-निर्माण में अधिकार

सुप्रीम कोर्ट के अनुसार, राज्य सरकार के पास यह अधिकार है कि वह नियुक्ति प्रक्रिया में पात्रता के मानदंड तय कर सके। यह निर्णय न केवल राजस्थान बल्कि अन्य राज्यों को भी इस तरह के कानूनों को लागू करने का समर्थन प्रदान करता है। कोर्ट का कहना है कि यह सरकार का कार्यक्षेत्र है और न्यायपालिका इसमें हस्तक्षेप नहीं कर सकती।

याचिकाकर्ता की कहानी

पूर्व सैनिक रामजी लाल जाट ने राजस्थान पुलिस में सिपाही पद के लिए आवेदन किया था, लेकिन उनकी उम्मीदवारी को यह कहते हुए रद्द कर दिया गया कि उनके दो से अधिक बच्चे हैं। इस मामले को पहले राजस्थान हाई कोर्ट में चुनौती दी गई थी, जिसने 12 अक्टूबर 2022 को सरकार के पक्ष में फैसला सुनाया था। इसके बाद रामजी लाल ने सुप्रीम कोर्ट में इस फैसले को चुनौती दी, लेकिन कोर्ट ने राज्य सरकार के इस नियम को संविधान-सम्मत मानते हुए उनकी याचिका खारिज कर दी।

राजस्थान सर्विस रूल्स में है क्या प्रावधान?

राजस्थान सर्विस रूल्स के तहत 1 जून 2002 के बाद जिन आवेदकों के दो से अधिक बच्चे हैं, वे सरकारी नौकरी के लिए अयोग्य माने जाएंगे। यह प्रावधान राजस्थान पुलिस अधीनस्थ सेवा नियम, 1989 के अनुसार लागू किया गया है, जो कि राज्य के सेवा नियमों के तहत आते हैं।

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यह नियम सिर्फ पुलिस भर्ती में ही नहीं, बल्कि अन्य सरकारी नौकरियों में भी लागू होता है। इस प्रकार यह सुनिश्चित किया गया है कि परिवार नियोजन को प्राथमिकता दी जाए और जनसंख्या नियंत्रण को बढ़ावा मिले।

परिवार नियोजन और सरकारी नीति

इस नियम का उद्देश्य परिवार नियोजन को बढ़ावा देना और जनसंख्या नियंत्रण करना है। राजस्थान की राज्य सरकार का मानना है कि इस तरह के नियम न केवल सरकारी सेवाओं में एक संतुलित परिवार की नीति का पालन करते हैं, बल्कि समाज में भी एक सकारात्मक संदेश भेजते हैं। सुप्रीम कोर्ट का यह निर्णय इस बात की पुष्टि करता है कि राज्य सरकारें अपने नागरिकों की भलाई के लिए इस प्रकार के कदम उठा सकती हैं।

अन्य राज्यों पर क्या असर होगा?

सुप्रीम कोर्ट के इस फैसले के बाद यह संभावना है कि अन्य राज्य भी इस तरह के कानून अपने यहां लागू कर सकते हैं। विभिन्न राज्यों में पहले से ही पंचायत चुनावों में इसी तरह के नियम लागू हैं, जहां दो से अधिक बच्चों वाले उम्मीदवार चुनाव नहीं लड़ सकते। इस फैसले से अन्य राज्यों को भी सरकारी नौकरियों के संबंध में परिवार नियोजन आधारित नीतियों को लागू करने का प्रोत्साहन मिल सकता है।

1. क्या सभी राज्यों में दो से अधिक बच्चों का नियम लागू होगा?
फिलहाल यह नियम राजस्थान में लागू है, लेकिन अन्य राज्य भी सुप्रीम कोर्ट के इस फैसले के बाद इसे अपने यहां लागू कर सकते हैं।

2. क्या यह नियम संविधान के खिलाफ नहीं है?
सुप्रीम कोर्ट ने इस नियम को संविधान-सम्मत ठहराया है और इसे राज्य सरकार का नीति-निर्माण का अधिकार माना है।

3. क्या पंचायत चुनावों में भी यह नियम लागू होता है?
हां, सुप्रीम कोर्ट पहले भी पंचायत चुनावों के लिए इस तरह का निर्णय दे चुका है कि दो से अधिक बच्चों वाले उम्मीदवार चुनाव नहीं लड़ सकते।

4. क्या यह नियम सभी सरकारी नौकरियों में लागू होगा?
राजस्थान के कुछ विभागों में यह नियम लागू है, विशेष रूप से पुलिस और अन्य सरकारी सेवाओं में। अन्य विभागों में भी इसे लागू किया जा सकता है।

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