अब काफी लोग पैसे निवेश करने के कई ऑप्शन की खोज करने में लगे है और शेयर मार्केट में भी निवेश करने वालो की तादाद बढ़ती जा रही है। अब लोगों ने बैंक की FD और सरकार की स्कीम में पैसे डालने की जगह शेयर मार्केट को चुनना शुरू कर दिया है। इस लेख में आप ऐसी ही सरकारी की योजनाओं को जानेंगे जो कि टैक्स बचत के साथ ज्यादा रिटर्न देगी।
बेटी के लिए खास योजना
इस स्कीम में बेटी का खाता खुलता है और भारतीय नागरिक अपनी 10 वर्ष या इससे कम उम्र की बेटी का योजना में खाता खोल सकेगा। सुकन्या समृद्धि स्कीम के अंतर्गत आप न्यूनतम 250 रुपए के वार्षिक रकम पर निवेश कर सकेंगे वही इसमें 1.50 लाख रुपए सालाना की लिमिट है।
इस योजना की सबसे बड़ी बात है कि इसमें अन्य सरकारी योजनाओं से अधिक ब्याज मिल रहा है। निवेशक को 8.2% सालाना ब्याज मिलता है जो कि थोड़े सालो तक तय निवेश करने पर बेटी को 71 लाख से अधिक का फंड देगी।
कन्या सुकन्या योजना
भारत सरकार की इस स्कीम के अंतर्गत देश का कोई भी नागरिक उसकी बेटी के नाम से अकाउंट ओपन कर सकेगा। योजना का खाता किसी डाकघर में खुल जाएगा। स्कीम के अंतर्गत 15 सालो तक निवेश कर सकेंगे और फिर 21 सालो बाद यह खाता मैच्योर होने पर पूरा फंड मिल जाता है।
योजना के नियमो को जाने
- खाते पर मिल रहे ब्याज को प्रत्येक तिमाही में संशोधित करेंगे जोकि मैच्योर होने पर फंड पर असर डालेगा।
- निवेशक को खाते में प्रत्येक वर्ष की 5 अप्रैल से पहले पैसे डालने होंगे जिससे अधिकतम ब्याज मिले।
- अकाउंट खोलने पर बेटी की आयु 0 साल से ज्यादा हो तो बेटी को मैच्योरिटी राशि खाते के 21 साल पूर्ण होने पर मिलेंगे न कि बेटी के 21 वर्ष का होने पर।
बेटी को 71 लाख कैसे मिलेंगे?
योजना के अंतर्गत 15 सालो में 1.5 लाख रुपए जमा करने का मौका मिलेगा जिससे अधिकतम फायदा ले सकेंगे। SSA से भी अधिकतम ब्याज तभी मिलेगा जिस समय ये राशि प्रत्येक साल 5 अप्रैल से पहले जमा होंगे। 15 सालो तक खाते में पैसे डालने पर कुल फंड 22,50,000 रुपए होगा और खाते के मैच्योर होने पर कुल 71,82,119 रुपए मिल जाएंगे। इस प्रकार से ब्याज के रूप में कुल 49,32,119 रुपए की रकम मिलेगी और ये रकम पूर्णतया टैक्स फ्री रहेगी।
पहले पैसे निकलने की शर्त
यदि बेटी की आयु 18 वर्ष हो और उसका विवाह होने वाला हो तो मैच्योरिटी से पहले ही 50% राशि को निकाल सकेंगे। साथ ही खाता खोलने के 5 सालो बाद ही किन्ही कंडीशन में पैसे की निकासी होगी। खाताधारक के मरने, अभिभावक की मृत्यु, खाताधारक को घातक रोग या आर्थिक असमर्थता हो तो पैसे निकाल सकेंगे।