म्यूचुअल फंड (Mutual Fund) में निवेश भारतीय निवेशकों के लिए आकर्षक विकल्प बन गया है। अक्टूबर 2024 में म्यूचुअल फंड प्रबंधन के तहत कुल परिसंपत्तियां (AUM) ₹67.25 लाख करोड़ तक पहुंच गईं, जिसमें इक्विटी म्यूचुअल फंड ने ₹41,887 करोड़ का रिकॉर्ड निवेश देखा। यह आंकड़ा स्पष्ट करता है कि निवेशक अब बेहतर रिटर्न के लिए म्यूचुअल फंड को प्राथमिकता दे रहे हैं।
हालांकि म्यूचुअल फंड से हुई कमाई को कैपिटल गेंस माना जाता है और उस पर टैक्स लागू होता है। यदि आप वेतनभोगी हैं और म्यूचुअल फंड में निवेश कर रहे हैं, तो आपको अपनी टैक्स देनदारी की सही जानकारी होना जरूरी है।
म्यूचुअल फंड में इक्विटी उन्मुख योजनाओं पर टैक्स
- शॉर्ट टर्म कैपिटल गेंस (STCG): यदि आपने इक्विटी म्यूचुअल फंड- Equity Mutual Fund में 12 महीने या उससे कम समय के लिए निवेश किया है, तो उस पर शॉर्ट टर्म कैपिटल गेंस टैक्स लगेगा। धारा 111A के तहत, इस पर 20% की दर से टैक्स चुकाना होगा।
- लॉन्ग टर्म कैपिटल गेंस (LTCG): यदि निवेश 12 महीने से अधिक समय तक रखा गया है, तो उसे लॉन्ग टर्म कैपिटल गेंस माना जाएगा। धारा 112A के अंतर्गत, ₹1.25 लाख तक की कमाई पर छूट है। इससे अधिक आय पर 12.50% की दर से टैक्स लागू होता है। यह छूट केवल उन्हीं इक्विटी योजनाओं पर लागू होती है, जिन पर सिक्योरिटी ट्रांजैक्शन टैक्स (STT) चुकाया गया हो।
डेट फंड में निवेश पर टैक्स
डेट म्यूचुअल फंड की यूनिट्स बेचने से प्राप्त लाभ आपकी आयकर स्लैब के अनुसार करयोग्य होता है। यदि आपकी कुल आय पर शेष टैक्स देनदारी ₹10,000 से अधिक है, तो आपको एडवांस टैक्स जमा करना होगा।
यदि कर देनदारी ₹10,000 से कम है, तो इसे स्व-मूल्यांकन टैक्स के रूप में ITR दाखिल करते समय जमा किया जा सकता है। टैक्स प्रक्रिया को और आसान बनाने के लिए आप फॉर्म 12B के जरिए अपनी अतिरिक्त आय की जानकारी नियोक्ता को दे सकते हैं। इससे वेतन से अतिरिक्त टैक्स काटा जा सकेगा और एडवांस टैक्स से जुड़ी जटिलताओं से बचा जा सकेगा।
1. म्यूचुअल फंड से हुई कमाई पर कितना टैक्स लगता है?
इक्विटी फंड पर शॉर्ट टर्म गेन पर 20% और लॉन्ग टर्म गेन पर ₹1.25 लाख की छूट के बाद 12.50% टैक्स लगता है। डेट फंड पर आपकी आयकर स्लैब के अनुसार टैक्स लागू होता है।
2. क्या एडवांस टैक्स भुगतान अनिवार्य है?
यदि शेष टैक्स देनदारी ₹10,000 से अधिक है, तो एडवांस टैक्स जमा करना अनिवार्य है।
3. क्या टैक्स प्रक्रिया को सरल किया जा सकता है?
हां, फॉर्म 12B में अतिरिक्त आय की जानकारी देकर नियोक्ता को अतिरिक्त टैक्स काटने का निर्देश देना एक आसान तरीका है।
म्यूचुअल फंड निवेशकों के लिए टैक्स प्लानिंग बेहद महत्वपूर्ण है। इक्विटी और डेट फंड पर टैक्स की दरें अलग-अलग हैं और निवेश की अवधि के आधार पर भी टैक्सेशन प्रभावित होता है। सही जानकारी और समय पर टैक्स चुकाने से न केवल कानूनी अनुपालन सुनिश्चित होगा, बल्कि आपको अतिरिक्त ब्याज या पेनल्टी से भी बचाएगा।