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सरकार ने दी नये किराया कानूनों को मंजूरी, खत्म होगी किरायेदारों और मकान मालिकों की टेंशन, क्या होंगे फायदे देखें

मकान मालिक और किरायेदारों की परेशानी खत्म होने वाली है क्योकि सरकार अब इनके लिए नए कानून और नियम जारी करने वाली है। इन कानूनों को देश की राज्य सरकारें अपना सकती हैं और अपने राज्य में लागू कर सकते हैं।

By Akshay Verma
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सरकार ने दी नये किराया कानूनों को मंजूरी, खत्म होगी किरायेदारों और मकान मालिकों की टेंशन, क्या होंगे फायदे देखें

अक्सर सुनने को मिलता है कि मकान मालिक कहते हैं कि हमें ऐसे किरायेदार मिलें हैं जो हमारा घर ही खाली नहीं कर रहे हैं। वहीं किरायेदार कहते हैं कि हमें ऐसे मकान मालिक मिलें हैं जो हमारे साथ बहुत ही दुर्व्यवहार और बार बार घर से निकालने की धमकी देते हैं। ये शिकयतें दोनों ओर से सुनने को मिलती है। लेकिन अब यह परेशानी खत्म होने वाली है क्योंकि सरकार ने इसका हल निकालने के लिए नए किराया कानूनों को मंजूरी प्रदान कर दी है।

किरायेदारों के लिए एग्रीमेंट अनिवार्य

नए किराया कानून जारी होने के बाद मकान मालिक और किरायेदारों के बीच क़ानूनी आधार पर एग्रीमेंट किया जाएगा जो कि सबके लिए अनिवार्य होगा। इस एग्रीमेंट में किराये राशि, उसके भुगतान, किराया बढ़ाने की शर्ते, सिक्योरिटी डिपॉजिट राशि, घर को खाली करने की सीमा और नियम आदि कई जानकारी बताई हुई है।

सिक्योरिटी डिपॉजिट पर सीमा

नए किरायेदारी कानून का निर्माण होने से किरायेदारों को सबसे ज्यादा राहत प्राप्त होने वाली है। इस कानून में कई महत्वपूर्ण बदलाव किए गए हैं। इस नियम के तहत मकान मालिक अब से किरायेदारों से एक निसचीत राशि से अधिक की सिक्योरिटीज डिपॉजिट नहीं मांग सकेंगे।

नियम लागू से पहले मकान मालिक अपनी मर्जी के तहत सिक्योरिटी के लिए अधिक राशि की मांग करते थे इस वजह से किरायेदारों को आर्थिक समस्या का सामना करना पड़ता था। अब से कोई भी मकान मालिक किराये के लिए अधिक पैसे नहीं मांगेगा।

घर खाली करने के लिए सख्त नियम

सरकार ने किरायदारों और मकान मालिकों के बीच संतुलन स्थापित करने के लिए नए कानून को जारी करने का फैसला किया है।

मकान मालिक की सम्पति पर प्रवेश के नियम-कानून

नए कानून लागू होने के बाद किरायेदारों की निजी व्यवस्था को सुरक्षा मिलेगी। यानी की अब से मकान मालिक किरायेदारों की इजाजत के बिना उनकी निजी स्थान पर नहीं जा सकते हैं। यदि मकान मालिक किसी काम अथवा कारणवश के लिए अपने मकान में जा रहा है तो उसे किरायेदार को 24 घंटे पहले इसकी जानकारी देनी जरुरी है और उनकी परमिशन लेनी होगी।

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किरायेदारी को संगठित कारोबार बनाना

सरकार ने लक्ष्य बनाया है कि किरायेदारी को एक प्रकार का संगठित और व्यवस्थित कारोबार बनाया जा सके। इस बड़े बदलाव से किरायेदारी में कई सुधार आएँगे, मकान मालिक अपने मकान को एक सुरक्षित और सुव्यवस्थित तरीके से किरायेदारों को दे सकेंगे।

इस व्यवस्था से किरायेदार रहने के लिए आसानी से मकान ढूंढ सकते हैं वहीं मकान मालिकों को अपने मकान के लिए किरायेदार के लिए परेशान नहीं होना पड़ेगा।

राज्य और केंद्र शासित प्रदेशों की भूमिका

केंद्र सरकार ने एक नया मॉडल बनया है जिसके तहत किरायेदारी कानून तैयार किए गए हैं। यह जो कानून होगा सभी राज्यों के लिए बनाया गया है। लेकिन राज्य सरकार अपने राज्य के आधार पर किरायेदारी सम्बन्धी नियमों को बनाकर लागू कर सकते हैं। अभी ये कहा जा रहा है कि इन कानून को डायरेक्ट लागू नहीं किया जा सकता है। राज्य और केंद्र शासित प्रदेश अपने अनुसार कानून लागू कर सकते हैं।

किरायेदारी विवादों का समाधान

नए कानून के नियमानुसार, अब छोटे-मोठे विवदों का निपटारा करने के लिए को बार बार कोर्ट के चक्कर लगाने की जरुरत नहीं है। क्योंकि इस नई व्यवस्था के शुरू होने से विवादों को तेजी और आसानी से निपटाया जा सकता है।

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