दिल्ली में बढ़ते वायु प्रदूषण की गंभीरता को देखते हुए दिल्ली सरकार ने सख्त कदम उठाया है। ग्रेडेड रिस्पांस एक्शन प्लान (GRAP) के स्तर-3 के अंतर्गत बीएस-3 पेट्रोल और बीएस-4 डीजल श्रेणी के वाहनों पर पूर्ण प्रतिबंध लगा दिया गया है। इस नियम के अनुसार, इन श्रेणी के डीजल वाहनों को दिल्ली की सड़कों पर चलने की अनुमति नहीं है। केवल इलेक्ट्रिक और सीएनजी वाहनों को प्राथमिकता दी गई है, जिससे प्रदूषण पर काबू पाया जा सके।
किन वाहनों पर लगा है प्रतिबंध?
यह प्रतिबंध विशेष रूप से उन डीजल वाहनों पर लागू होता है जो बीएस-4 श्रेणी के हैं और 1 अप्रैल 2010 से पहले पंजीकृत हुए हैं। बीएस-3 श्रेणी के पेट्रोल वाहनों पर भी यह प्रतिबंध लागू है। इन प्रतिबंधित श्रेणियों में दिल्ली में लगभग 3 लाख से अधिक वाहन आते हैं। यह नियम न केवल दिल्ली में रजिस्टर्ड वाहनों पर लागू है, बल्कि एनसीआर से दिल्ली में प्रवेश करने वाले वाहनों पर भी सख्ती से लागू किया गया है।
क्या है GRAP-3?
ग्रेडेड रिस्पांस एक्शन प्लान (GRAP) के तहत चार स्तर बनाए गए हैं, जिसमें GRAP-3 वायु प्रदूषण को गंभीर स्थिति में नियंत्रित करने के लिए सख्त कदमों का प्रावधान करता है। GRAP-3 के तहत सिर्फ प्रदूषण मुक्त इलेक्ट्रिक और सीएनजी वाहनों को सड़कों पर चलने की अनुमति है, जबकि बीएस-3 और बीएस-4 जैसे उच्च प्रदूषण फैलाने वाले वाहनों पर पूर्ण प्रतिबंध लगाया गया है। इसका उद्देश्य दिल्ली की वायु गुणवत्ता में सुधार करना और प्रदूषण को नियंत्रित करना है।
निगरानी टीमों की तैनाती और भारी जुर्माने की चेतावनी
दिल्ली सरकार ने इस नियम का सख्ती से पालन सुनिश्चित करने के लिए 114 विशेष निगरानी टीमें तैनात की हैं, जो सड़कों पर सक्रिय रहेंगी। इन टीमों का काम यह सुनिश्चित करना है कि कोई प्रतिबंधित डीजल वाहन सड़कों पर न चले। यदि किसी को नियम का उल्लंघन करते हुए पकड़ा जाता है, तो उस पर भारी जुर्माना लगाया जाएगा। इसके साथ ही कुछ आपातकालीन स्थितियों में विशेष अनुमति भी दी जा सकती है, लेकिन इसके लिए पहले से ही संबंधित विभाग को सूचित करना होगा।
वायु प्रदूषण को नियंत्रित करने की दिशा में सरकार का कदम
दिल्ली में प्रदूषण का स्तर लगातार खतरनाक होता जा रहा है, जिससे लोगों के स्वास्थ्य पर गहरा असर पड़ रहा है। इस कदम का उद्देश्य वाहनों से होने वाले वायु प्रदूषण को नियंत्रित करना है। दिल्ली सरकार ने सभी वाहन मालिकों से अपील की है कि वे पर्यावरण की सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए इलेक्ट्रिक या सीएनजी वाहन अपनाने की दिशा में कदम उठाएं। इससे न केवल वायु प्रदूषण में कमी आएगी बल्कि यह पर्यावरण संरक्षण में भी सहायक सिद्ध होगा।
इस फैसले का महत्व
दिल्ली सरकार का यह फैसला वायु प्रदूषण को नियंत्रित करने की दिशा में एक ठोस पहल है। सरकार का यह मानना है कि बीएस-3 और बीएस-4 श्रेणी के डीजल वाहन वायु प्रदूषण के मुख्य कारक हैं, और उन पर प्रतिबंध लगाना वायु गुणवत्ता में सुधार लाने का एक महत्वपूर्ण कदम है। इसके अतिरिक्त, सरकार ने यह भी संकेत दिया है कि अन्य प्रकार के प्रदूषण फैलाने वाले साधनों पर भी भविष्य में सख्त कदम उठाए जा सकते हैं।