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लोन लेते समय बैंक कैसे लगाते हैं चूना? जानें RBI के नए नियम और बचाव के उपाय

क्या आप जानते हैं कि बैंक लोन देते समय अनजाने में आपसे छुपे हुए चार्ज और ब्याज वसूल सकते हैं? RBI के नए नियम इन अनैतिक प्रथाओं पर रोक लगाने के लिए बनाए गए हैं। जानें कैसे आप लोन लेते समय इन जालसाजियों से बच सकते हैं और अपने अधिकारों का इस्तेमाल कर सकते हैं!

By Akshay Verma
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लोन लेते समय बैंक कैसे लगाते हैं चूना? जानें RBI के नए नियम और बचाव के उपाय
लोन लेते समय बैंक कैसे लगाते हैं चूना?

आज के समय में बैंक से लोन लेना आम बात हो गई है। चाहे घर खरीदने की योजना हो, शिक्षा के लिए फंड की जरूरत हो, या किसी बिजनेस को शुरू करना हो— बैंक लोन (Loan Services by Bank) हमारी वित्तीय समस्याओं को हल करने का आसान तरीका है।

लेकिन कई बार, ग्राहकों को जानकारी के अभाव में बैंक चुपके से अतिरिक्त शुल्क और ब्याज वसूलते हैं, जिनकी जानकारी ग्राहकों को नहीं होती। भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) ने इन मामलों को गंभीरता से लेते हुए बैंकों के लिए नए दिशानिर्देश जारी किए हैं।

RBI के निर्देश: पारदर्शिता क्यों है जरूरी?

RBI ने अपनी जांच में पाया कि कई बैंक लोन ब्याज और शुल्क वसूली (Interest Rates and Bank Charges) के मामले में अनैतिक प्रथाओं का उपयोग कर रहे थे। केंद्रीय बैंक ने बैंकों और लोन देने वाली संस्थाओं को सख्त निर्देश दिए हैं कि वे अपने लोन वितरण और शुल्क वसूली प्रक्रिया को पारदर्शी बनाएं। इन्हें उदाहरण से समझा जा सकता है:-

  • लोन स्वीकृत (Loan Approval) होने के बाद ग्राहक को चेक देने में देरी के लिए भी ब्याज वसूला जा रहा था।
  • महीने के बीच में लोन लेने पर भी पूरे महीने का ब्याज काटा गया।
  • प्री-पेमेंट (Pre-Payment) करने के बावजूद, पूरे लोन पर ब्याज वसूला गया।

बैंकों की गलत प्रथाएं: ग्राहक को कैसे लगाया जा रहा है चूना?

RBI की रिपोर्ट में कई ऐसी प्रथाएं उजागर हुईं, जिनसे ग्राहक को अनजाने में आर्थिक नुकसान हो रहा था:-

1. लोन स्वीकृति के बाद देरी पर ब्याज
लोन स्वीकृत होने के बाद, बैंक ग्राहकों को चेक या लोन राशि देने में देरी करते हैं। लेकिन इस देरी के बावजूद ब्याज वसूला जाता है, जो ग्राहकों के लिए अनुचित है।

2. पूरे महीने का ब्याज वसूली
अगर ग्राहक महीने के बीच में लोन लेता है, तो उसे पूरे महीने का ब्याज देना पड़ता है, जबकि वह केवल आंशिक अवधि के लिए लोन का उपयोग करता है।

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3. प्री-पेमेंट के बावजूद ब्याज
लोन का कुछ हिस्सा पहले चुकाने के बावजूद, बैंकों ने पूरे लोन पर ब्याज वसूला।

4. छुपे हुए चार्जेस
लोन लेने के बाद, प्रोसेसिंग फीस, लेट पेमेंट फीस, और अन्य चार्जेस की जानकारी ग्राहक को पहले से नहीं दी जाती, जिससे ग्राहक पर अनावश्यक वित्तीय बोझ पड़ता है।

RBI ने क्या उठाए कदम?

RBI ने इन गलत प्रथाओं को रोकने और ग्राहकों की सुरक्षा के लिए सख्त कदम उठाए हैं:-

  1. ग्राहकों को पहले से पूरी जानकारी देना अनिवार्य
    बैंक को यह सुनिश्चित करना होगा कि ग्राहक को लोन लेने से पहले सभी शुल्क, ब्याज दर, और शर्तों की पूरी जानकारी दी जाए।
  2. प्री-पेमेंट और आंशिक भुगतान पर पारदर्शिता
    लोन का कुछ हिस्सा चुकाने पर केवल बचे हुए राशि पर ब्याज लिया जाएगा।
  3. ऑनलाइन लोन वितरण को बढ़ावा
    लोन की राशि का चेक के माध्यम से वितरण बंद कर, इसे ऑनलाइन ट्रांसफर (Online Transfer) जैसे तेज़ और पारदर्शी तरीकों से किया जाएगा।
  4. अतिरिक्त वसूली पर रिफंड का आदेश
    यदि कोई बैंक ग्राहकों से अतिरिक्त शुल्क वसूलता है, तो उसे ग्राहक को वापस करना होगा।

लोन लेने से पहले किन बातों का रखें ध्यान?

  1. चार्जेस की जानकारी लें
    लोन प्रोसेसिंग फीस, लेट पेमेंट चार्ज, प्री-पेमेंट पेनल्टी आदि की पूरी जानकारी बैंक से प्राप्त करें।
  2. ब्याज दर की तुलना करें
    विभिन्न बैंकों की ब्याज दर और शर्तों की तुलना करें।
  3. शर्तों को पढ़ें
    लोन दस्तावेज़ को ध्यान से पढ़ें और सभी नियमों को समझें।
  4. ऑनलाइन रिव्यू देखें
    बैंक की प्रथाओं और कस्टमर रिव्यू को ऑनलाइन पढ़ें।

अगर आप लोन लेने की योजना बना रहे हैं, तो शर्तों को ध्यान से पढ़ें और छुपे हुए चार्जेस से बचें। RBI के नए नियम ग्राहकों की वित्तीय सुरक्षा सुनिश्चित करते हैं और बैंकों को अनुचित प्रथाओं से रोकते हैं।

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