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Bank Deposit: इस स्कीम में FD जैसा मिलेगा ब्याज, बचत खाते की तरह जब चाहें तब निकालें पैसा

Sweep-In FD एक शानदार विकल्प है, जो आपको एफडी जैसा रिटर्न तो देता है ही, साथ ही सेविंग्स अकाउंट की तरह जब चाहें पैसे निकालने की सुविधा भी प्रदान करता है। अब इस योजना के फायदे और पूरी जानकारी जानें!

By Neha
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Bank Deposit : इस स्कीम में FD जैसा मिलेगा ब्याज, बचत खाते की तरह जब चाहें तब निकालें पैसा
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अगर आप ऐसी निवेश योजना की तलाश में हैं, जिसमें फिक्स्ड डिपॉजिट (FD) के जैसे आकर्षक रिटर्न मिले और साथ ही सेविंग्स अकाउंट की तरह जब चाहें पैसे निकालने की सुविधा भी हो, तो एफडी की स्वीप-इन (Sweep In FD) सुविधा आपके लिए एक बेहतरीन विकल्प हो सकती है। स्वीप-इन एफडी एक प्रकार का ऑटोमैटिक फिक्स्ड डिपॉजिट है, जिसमें बैंक आपके सेविंग्स अकाउंट से अतिरिक्त बैलेंस को अपने आप एफडी में ट्रांसफर कर देता है। इसके तहत आपको एफडी पर मिलने वाला ब्याज तो मिलता ही है, साथ ही जरूरत पड़ने पर आप आसानी से इस पैसे को निकाल भी सकते हैं।

Bank Deposit: स्वीप-इन FD की कार्यप्रणाली

स्वीप-इन एफडी एक ऐसी सुविधा है, जिससे आपके बचत खाते में जमा अतिरिक्त धनराशि को स्वचालित रूप से फिक्स्ड डिपॉजिट में ट्रांसफर किया जाता है। इसका सबसे बड़ा फायदा यह है कि आपको बैंक द्वारा निर्धारित की गई सीमा से ऊपर का पैसा एफडी में निवेश हो जाता है और उस पर आपको एफडी के बराबर ब्याज मिलता है। साथ ही, आप इसे कभी भी जरूरत पड़ने पर निकाल भी सकते हैं, बिना किसी जुर्माने के। यह एक प्रकार का ऑटो-स्वीप सर्विस है, जिसमें बैंक आपकी तय सीमा से अधिक राशि को एफडी में ट्रांसफर करता है।

स्वीप-इन एफडी के लिए थ्रेसहोल्ड लिमिट

स्वीप-इन एफडी के लिए आपको सबसे पहले एक थ्रेसहोल्ड लिमिट तय करनी होती है। यह लिमिट वह राशि होती है, जिसके ऊपर का पैसा बैंक आपके सेविंग्स अकाउंट से एफडी में ट्रांसफर कर देगा। थ्रेसहोल्ड लिमिट को ग्राहक अपनी जरूरत के अनुसार कस्टमाइज कर सकता है। मान लीजिए कि आपने 50,000 रुपये की लिमिट तय की है, तो 50,000 रुपये से ऊपर की राशि स्वचालित रूप से एफडी में निवेश हो जाएगी। इस प्रकार से आप अपनी निवेश राशि को एफडी में ट्रांसफर कर सकते हैं, जिससे आपको अतिरिक्त ब्याज प्राप्त होता है।

स्वीप-इन एफडी की अवधि और न्यूनतम निवेश

स्वीप-इन एफडी की अवधि आम तौर पर 1 से 5 साल के बीच होती है। बैंक आमतौर पर 1,000 रुपये के मल्टीपल में राशि को ट्रांसफर करते हैं, हालांकि कुछ बैंकों में यह राशि 1 रुपये से 1000 रुपये तक भी हो सकती है। इसका मतलब यह है कि अगर आपके पास थोड़ा बहुत अतिरिक्त पैसा है, तो आप उसे अपनी स्वीप-इन एफडी में निवेश कर सकते हैं।

स्वीप-इन एफडी पर ब्याज दर

स्वीप-इन एफडी पर मिलने वाली ब्याज दर सामान्य फिक्स्ड डिपॉजिट की तरह होती है और यह विभिन्न बैंकों और उनकी एफडी अवधि के आधार पर बदलती रहती है। उदाहरण के तौर पर,

  • Axis Bank: 5.75% – 7.00%
  • SBI: 4.75% – 6.50%
  • HDFC Bank: 4.50% – 7.00%
  • ICICI Bank: 4.50% – 6.90%
  • Canara Bank: 5.50% – 6.70%

ब्याज दरों में यह अंतर निवेश की अवधि और बैंक की नीति पर निर्भर करता है।

स्वीप-इन एफडी से पैसा निकालने के नियम

स्वीप-इन एफडी से पैसा निकालने का तरीका भी बहुत ही लचीला है। अधिकांश बैंकों में लास्ट इन फर्स्ट आउट (LIFO) मेथड का इस्तेमाल किया जाता है, जिसका मतलब है कि यदि आपके सेविंग्स अकाउंट में पैसे की कमी होती है तो सबसे पहले स्वीप-इन एफडी से पैसा निकाला जाएगा। इस प्रक्रिया के तहत, जो पैसा आप एफडी से निकालते हैं, उस पर उतना ही ब्याज मिलेगा जितने दिन वह राशि एफडी में रही।

स्वीप-इन एफडी का एक और बड़ा फायदा यह है कि अगर आप जरूरत के समय पैसा निकालते हैं तो भी आपको उस राशि पर कोई जुर्माना नहीं लगता है। यही कारण है कि यह योजना निवेशकों के लिए एक लिक्विडिटी का बेहतरीन विकल्प बन जाती है, क्योंकि आप जब चाहें अपने पैसे तक पहुंच सकते हैं और साथ ही एफडी के ब्याज का लाभ भी उठा सकते हैं।

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क्या है स्वीप-इन एफडी का मुख्य लाभ?

स्वीप-इन एफडी का सबसे बड़ा फायदा यह है कि यह एक प्रकार से एफडी के रिटर्न के साथ-साथ सेविंग्स अकाउंट की लिक्विडिटी देता है। जब आपका खाता बैलेंस एक तय सीमा से ऊपर जाता है, तो वह राशि एफडी में ट्रांसफर हो जाती है और आपको अतिरिक्त ब्याज मिलता है। साथ ही, अगर आपको उस राशि की जरूरत होती है, तो आप बिना किसी परेशानी के उसे निकाल सकते हैं। यह सुविधा आपको अधिक रिटर्न और अधिक लचीलापन दोनों देती है।

1. स्वीप-इन एफडी क्या है?
स्वीप-इन एफडी एक ऐसी योजना है, जिसमें आपका अतिरिक्त पैसा सेविंग्स अकाउंट से स्वचालित रूप से एफडी में ट्रांसफर हो जाता है और उस पर एफडी जैसा ब्याज मिलता है।

2. क्या स्वीप-इन एफडी में पैसे निकालने पर कोई जुर्माना लगता है?
नहीं, स्वीप-इन एफडी से पैसा निकालने पर कोई जुर्माना नहीं लगता है।

3. स्वीप-इन एफडी में न्यूनतम निवेश क्या है?
स्वीप-इन एफडी के लिए न्यूनतम निवेश आमतौर पर 1,000 रुपये के मल्टीपल में होता है, लेकिन कुछ बैंक इसे 1 रुपये से 1000 रुपये तक भी अनुमति देते हैं।

4. स्वीप-इन एफडी की अवधि क्या होती है?
स्वीप-इन एफडी की अवधि 1 साल से 5 साल तक हो सकती है।

5. क्या स्वीप-इन एफडी पर मिलने वाली ब्याज दर सामान्य एफडी से कम होती है?
नहीं, स्वीप-इन एफडी पर मिलने वाली ब्याज दर सामान्य एफडी के बराबर ही होती है।

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