सोने-चांदी की कीमतों (Gold Silver Price) में अचानक आई गिरावट ने निवेशकों का ध्यान खींचा है। सोमवार को अंतरराष्ट्रीय बाजार और घरेलू बाजार दोनों में कीमती धातुओं की कीमतों में बड़ी गिरावट देखी गई।
अंतरराष्ट्रीय जिंस बाजार (COMEX) में सोना वायदा 0.88 प्रतिशत गिरकर 2,657.50 डॉलर प्रति औंस पर आ गया, जबकि चांदी 1.36 प्रतिशत गिरकर 30.69 डॉलर प्रति औंस पर पहुंच गई। यह गिरावट इजरायल-लेबनान संघर्ष और वैश्विक आर्थिक स्थितियों से जुड़ी बताई जा रही है।
सोने-चांदी की कीमतों में अचानक गिरावट
दिल्ली के सर्राफा बाजार में सोमवार को 99.9 प्रतिशत शुद्धता वाला सोना 200 रुपये की गिरावट के साथ 79,200 रुपये प्रति 10 ग्राम पर बंद हुआ। इससे पहले, शुक्रवार को यह 79,400 रुपये प्रति 10 ग्राम पर था। वहीं, चांदी की कीमत में भी भारी गिरावट दर्ज की गई। यह 2,200 रुपये लुढ़ककर 90,000 रुपये प्रति किलोग्राम पर आ गई। विशेषज्ञों का कहना है कि औद्योगिक मांग में कमी और कमजोर वैश्विक संकेतों के चलते यह गिरावट आई है।
इंटरनेशनल लेवल पर भी गिरावट
इस गिरावट का एक प्रमुख कारण अमेरिकी डॉलर का मजबूत होना है। आनंद राठी शेयर्स एंड स्टॉक ब्रोकर्स के मनीष शर्मा के अनुसार, डॉलर इंडेक्स में सुधार और अमेरिकी बॉन्ड प्रतिफल में बढ़ोतरी के कारण सोने की कीमतों पर दबाव बना। इसके साथ ही, मुद्रास्फीति और अमेरिकी ब्याज दरों में कटौती को लेकर संदेह ने सोने और चांदी की मांग को कमजोर किया।
इजरायल-लेबनान कनेक्शन
इजरायल और लेबनान के बीच हाल ही में हुए युद्धविराम समझौते ने भी सोने की मांग पर प्रभाव डाला है। कोटक सिक्योरिटीज के कायनात चैनवाला के अनुसार, इस क्षेत्र में तनाव कम होने से निवेशकों का रुझान अन्य विकल्पों की ओर बढ़ गया है। सुरक्षित निवेश के रूप में सोने की मांग घटने से इसकी कीमतों में गिरावट दर्ज की गई है। इसके अलावा, मुद्रास्फीति और ब्याज दरों के बारे में अनिश्चितता ने बाजार को और अधिक प्रभावित किया।
क्या कहता है भविष्य?
विशेषज्ञों का मानना है कि सोने-चांदी की कीमतों में आगे और उतार-चढ़ाव देखने को मिल सकता है। अमेरिकी डॉलर का मजबूत रहना और वैश्विक आर्थिक परिस्थितियां इनकी कीमतों को नियंत्रित करती रहेंगी। निवेशकों को सतर्क रहकर अपने निर्णय लेने चाहिए, खासकर ऐसे समय में जब वैश्विक राजनीति और अर्थव्यवस्था परिदृश्य तेजी से बदल रहा है।
1. क्या सोने-चांदी की कीमतें और गिरेंगी?
यह पूरी तरह से वैश्विक बाजार और आर्थिक परिस्थितियों पर निर्भर करता है। अगर अमेरिकी डॉलर मजबूत रहता है, तो कीमतों में और गिरावट संभव है।
2. क्या यह निवेश का सही समय है?
विशेषज्ञों के अनुसार, कीमतों में गिरावट के समय निवेश लंबी अवधि के लिए बेहतर हो सकता है। हालांकि, जोखिम और बाजार के संकेतों को ध्यान में रखना जरूरी है।
3. इजरायल-लेबनान कनेक्शन से कीमतें कैसे प्रभावित हुईं?
तनाव कम होने से सोने को सुरक्षित निवेश विकल्प के रूप में कम तवज्जो मिली, जिससे इसकी मांग में गिरावट आई।
4. घरेलू बाजार में कीमतें कब स्थिर होंगी?
कीमतें स्थिर होने में समय लग सकता है, खासकर जब तक वैश्विक और स्थानीय बाजारों में स्थिरता नहीं आती।
सोने और चांदी की कीमतों में गिरावट कई वैश्विक और स्थानीय कारकों का परिणाम है। अमेरिकी डॉलर की मजबूती, इजरायल-लेबनान के हालात, और औद्योगिक मांग में कमी ने कीमतों पर दबाव डाला है। निवेशकों को इस समय सतर्कता और समझदारी से निवेश करने की आवश्यकता है।