संपत्ति विवाद (Property Disputes) का मुद्दा भारतीय समाज में बेहद आम हो गया है। अधिकांश विवादों में कानूनी जानकारी के अभाव में रिश्तों में खटास आ जाती है। पति-पत्नी के बीच संपत्ति अधिकार (Husband-Wife Property Rights) का प्रश्न भी इन्हीं विवादों का हिस्सा है। हाल ही में, सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) ने ‘स्त्रीधन’ (Stridhan) के मुद्दे पर एक ऐतिहासिक फैसला सुनाया, जिसने स्पष्ट किया कि पत्नी की संपत्ति में पति का अधिकार किस हद तक हो सकता है।
पत्नी की संपत्ति पर सुप्रीम कोर्ट का फैसला
सुप्रीम कोर्ट के निर्णय ने यह सुनिश्चित किया है कि महिला का स्त्रीधन उसकी निजी संपत्ति है। कोर्ट ने स्पष्ट किया कि स्त्रीधन पर महिला का पूरा अधिकार होता है। संकट के समय पति इसे उपयोग में ला सकता है, लेकिन इसे वापस लौटाना उसका नैतिक और कानूनी दायित्व है।
जानें क्या है पूरा मामला?
इस फैसले की पृष्ठभूमि में एक मामला था, जिसमें एक महिला ने दावा किया कि शादी के दौरान उसे उपहार स्वरूप 89 सोने के सिक्के और अन्य आभूषण मिले थे। उसने आरोप लगाया कि शादी के बाद उसके पति और सास ने उसके आभूषणों को अपनी जरूरतें पूरी करने के लिए हड़प लिया। फैमिली कोर्ट ने यह स्वीकार किया कि आभूषणों का दुरुपयोग हुआ, लेकिन मामला केरल हाईकोर्ट (Kerala High Court) और फिर सुप्रीम कोर्ट तक पहुंचा।
SC की टिप्पणी और निर्देश
सुप्रीम कोर्ट ने अपने फैसले में कहा कि स्त्रीधन पत्नी और पति की संयुक्त संपत्ति नहीं है। इसका मालिकाना हक पूरी तरह पत्नी के पास होता है। कोर्ट ने महिला को मुआवजे के रूप में 25 लाख रुपये देने का निर्देश दिया, जो 2009 में उसके 89 सोने के सिक्कों का अद्यतन मूल्य था।
स्त्रीधन की परिभाषा
स्त्रीधन किसी महिला को शादी से पहले, शादी के दौरान या बाद में उपहार में दी गई संपत्ति को संदर्भित करता है। इसमें नकदी, गहने, जमीन-जायदाद या अन्य मूल्यवान वस्तुएं शामिल हैं। कानूनन, पति इस पर केवल आपातकाल में उपयोग कर सकता है, लेकिन वह इसे लौटाने के लिए बाध्य है।
Q1: क्या पति स्त्रीधन को अपनी संपत्ति मान सकता है?
नहीं, स्त्रीधन पत्नी की निजी संपत्ति है, और पति इसका मालिक नहीं बन सकता।
Q2: स्त्रीधन के दुरुपयोग पर महिला क्या कर सकती है?
महिला न्यायालय में मुआवजे या संपत्ति की वापसी के लिए याचिका दाखिल कर सकती है।
Q3: क्या पति का पत्नी की अन्य संपत्तियों पर अधिकार हो सकता है?
यह इस पर निर्भर करता है कि संपत्ति साझा स्वामित्व में है या नहीं। स्त्रीधन पर पति का कोई अधिकार नहीं है।
Q4: स्त्रीधन के मामले में कौन-कौन सी संपत्तियां शामिल होती हैं?
शादी के दौरान या बाद में प्राप्त उपहार जैसे गहने, नकदी, जमीन, वाहन, और अन्य मूल्यवान वस्तुएं।
सुप्रीम कोर्ट का यह फैसला महिलाओं के अधिकारों को सशक्त बनाने में एक मील का पत्थर साबित हुआ है। स्त्रीधन के महत्व और उसके कानूनी प्रावधानों को स्पष्ट करते हुए, यह निर्णय परिवार में पारदर्शिता और समानता को बढ़ावा देता है।