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Toll Plaza पर अब नहीं होगी बहस, NHAI ने किया बड़ा ऐलान

टोल बूथ पर लंबी लाइनों और झगड़ों से मिलेगी मुक्ति! GNSS आधारित इलेक्ट्रॉनिक टोल प्रणाली से होगा टोल शुल्क सीधे आपके खाते से कट, सफर बनेगा पहले से ज्यादा तेज और आसान। जानिए इस क्रांतिकारी बदलाव की पूरी जानकारी।

By Akshay Verma
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Toll Plaza पर अब नहीं होगी बहस, NHAI ने किया बड़ा ऐलान
Toll Plaza पर अब नहीं होगी बहस

भारत में टोल प्लाजा Toll Plaza पर भीड़भाड़ और झगड़ों की समस्या जल्द ही समाप्त हो सकती है। केंद्रीय सरकार ने राष्ट्रीय राजमार्गों पर ट्रैफिक को आसान बनाने के लिए सैटेलाइट-बेस्ड इलेक्ट्रॉनिक टोल संग्रह प्रणाली को लागू करने की दिशा में कदम उठाया है।

इस नई प्रणाली के अंतर्गत वाहन चालकों को टोल प्लाजा पर रुकने की आवश्यकता नहीं होगी, और टोल शुल्क स्वचालित रूप से उनके खाते से कट जाएगा। भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण (NHAI) ने इस प्रणाली को विकसित करने के लिए ग्लोबल निविदाएं और अभिरुचि पत्र आमंत्रित किए हैं।

NHAI ने किया बड़ा ऐलान: FASTag में सुधार

NHAI ने FASTag को और अधिक प्रभावी बनाने के लिए मौजूदा IT सिस्टम और हार्डवेयर में व्यापक बदलाव करने की योजना बनाई है। इसके तहत, ऐसे उपकरण लगाए जाएंगे जो RFID और अन्य आधुनिक तकनीकों के जरिए लेन-देन को और अधिक परेशानी मुक्त बनाएंगे। केवल उन्हीं कंपनियों को टेंडर दिए जाएंगे, जिनके पास इस क्षेत्र में पर्याप्त अनुभव और प्रमाणित उपकरण होंगे।

Toll Plaza पर अब नहीं होगी बहस

IHMCL ने स्पष्ट किया है कि नई प्रणाली के तहत टोल प्लाजा पर लगाए जाने वाले सभी उपकरण जैसे एंटीना, RFID रीडर, ऑटोमेटिक नंबर प्लेट रीडर, और टोल लेन कंट्रोलर को STQC प्रमाणन प्राप्त होना चाहिए। यदि किसी उपकरण में गड़बड़ी पाई जाती है, तो टेंडर प्राप्त कंपनी की बैंक गारंटी जब्त की जा सकती है।

सैटेलाइट आधारित टोल संग्रह प्रणाली

NHAI का कहना है कि ग्लोबल नेविगेशन सैटेलाइट सिस्टम (GNSS) पर आधारित यह प्रणाली यात्रियों को एक सहज अनुभव प्रदान करेगी। इस तकनीक के माध्यम से टोल बूथ समाप्त हो जाएंगे और वाहन चालक बिना रुकावट के अपनी यात्रा जारी रख सकेंगे।

पायलट प्रोजेक्ट का परीक्षण

NHAI वर्तमान FASTag व्यवस्था के भीतर GNSS आधारित इलेक्ट्रॉनिक टोल संग्रह प्रणाली को पायलट प्रोजेक्ट के तहत लागू करने की योजना बना रहा है। इसके तहत RFID और GNSS दोनों तकनीकों का मिश्रित मॉडल अपनाया जाएगा।

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1. GNSS आधारित टोल संग्रह प्रणाली कैसे काम करेगी?
GNSS तकनीक वाहनों की सैटेलाइट लोकेशन का उपयोग करेगी और यात्रा के आधार पर टोल शुल्क स्वचालित रूप से काट लिया जाएगा।

2. क्या मौजूदा FASTag जारी रहेगा?
हां, पायलट प्रोजेक्ट के दौरान RFID आधारित FASTag और GNSS दोनों एक साथ काम करेंगे।

3. नई प्रणाली कब तक लागू होगी?
अभी इस पर काम जारी है, लेकिन पायलट प्रोजेक्ट के सफल होने के बाद इसे जल्द लागू किया जाएगा।

4. क्या यह प्रणाली सभी वाहनों के लिए अनिवार्य होगी?
NHAI द्वारा इसे चरणबद्ध तरीके से लागू करने की योजना है, जिसमें शुरुआत में वाणिज्यिक और निजी वाहनों को शामिल किया जाएगा।

टोल प्लाजा पर भीड़भाड़ और झगड़ों को खत्म करने के लिए NHAI द्वारा उठाए गए ये कदम एक बड़ी क्रांति की शुरुआत हैं। GNSS आधारित प्रणाली यात्रियों को न केवल समय की बचत करेगी बल्कि टोल संग्रह प्रक्रिया में पारदर्शिता और दक्षता भी बढ़ाएगी।

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