शादी भारतीय समाज में एक महत्वपूर्ण सामाजिक बंधन है, जो न केवल दो व्यक्तियों बल्कि दो परिवारों को भी जोड़ता है। इसी संदर्भ में अक्सर यह सवाल उठता है कि क्या दामाद को ससुर की संपत्ति में कानूनी अधिकार (Son-in-law’s rights on father-in-law’s property) प्राप्त होता है?
यह सवाल हाल ही में हाई कोर्ट के एक मामले में चर्चा का विषय बना। भारतीय कानून इस मुद्दे पर बिल्कुल स्पष्ट है: दामाद का ससुर की संपत्ति पर कोई अधिकार नहीं है, चाहे उसने संपत्ति के निर्माण या खरीद में आर्थिक योगदान दिया हो।
ससुर की संपत्ति में दामाद का भी होता हैं अधिकार
भारतीय कानून के अनुसार, किसी व्यक्ति की संपत्ति पर अधिकार उसके नाम पर दर्ज दस्तावेजों के अनुसार तय होता है। यदि ससुर अपनी संपत्ति किसी दामाद के नाम पर स्थानांतरित कर देते हैं, तो यह संपत्ति दामाद की हो जाती है। लेकिन अगर यह हस्तांतरण धोखाधड़ी या बलपूर्वक किया गया हो, तो इसे अदालत में चुनौती दी जा सकती है।
हाई कोर्ट के हालिया निर्णय में यह स्पष्ट किया गया कि दामाद का ससुर की संपत्ति पर स्वाभाविक रूप से कोई कानूनी दावा (legal claim) नहीं हो सकता। इस मामले में ससुर ने अपनी संपत्ति पर दामाद के हस्तक्षेप को रोकने के लिए अदालत से स्थायी निषेधाज्ञा मांगी। कोर्ट ने दामाद की दलीलें खारिज कर दीं, जिसमें उसने खुद को परिवार का सदस्य बताकर संपत्ति में अधिकार की मांग की थी।
पत्नी के अधिकार और पैतृक संपत्ति
ससुराल की पैतृक संपत्ति (ancestral property) पर पत्नी का भी कोई सीधा कानूनी अधिकार नहीं होता। हालांकि, यदि पति की मृत्यु हो जाती है और सास-ससुर ने अपनी संपत्ति किसी अन्य को हस्तांतरित नहीं की हो, तो पत्नी को संपत्ति का अधिकार मिल सकता है। यह अधिकार भी केवल उत्तराधिकार कानून (succession laws) के तहत लागू होता है।
महिला के संपत्ति पर अधिकार
कानूनी दृष्टिकोण से, यदि सास-ससुर की मृत्यु के बाद संपत्ति का कोई उत्तराधिकारी नहीं है और उन्होंने अपनी संपत्ति वसीयत द्वारा किसी अन्य को स्थानांतरित नहीं की है, तो महिला को संपत्ति पर अधिकार मिल सकता है। केरल उच्च न्यायालय के एक निर्णय में भी स्पष्ट किया गया है कि दामाद का ससुर की संपत्ति पर कोई अधिकार नहीं है, भले ही वह संपत्ति उपहार में दी गई हो या अन्य किसी माध्यम से प्राप्त हुई हो।
संपत्ति विवाद का मामला
हाल के एक मामले में ससुर ने अदालत में आरोप लगाया कि दामाद उनकी संपत्ति पर अवैध कब्जा करने की कोशिश कर रहा है। यह संपत्ति ससुर को चर्च से उपहार के रूप में मिली थी। उन्होंने दावा किया कि यह उनकी मेहनत की कमाई से बनाई गई थी और इसमें उनके दामाद का कोई योगदान नहीं था।
दूसरी ओर, दामाद ने अपनी याचिका में कहा कि शादी के बाद वह परिवार का हिस्सा बन गया है, और उसे इस संपत्ति में रहने का अधिकार है। लेकिन अदालत ने उसकी इस दलील को अस्वीकार करते हुए कहा कि संपत्ति का अधिकार कानूनी दस्तावेजों के आधार पर ही तय होगा।
1. क्या दामाद को ससुर की संपत्ति में कानूनी अधिकार है?
नहीं, भारतीय कानून के तहत दामाद को ससुर की संपत्ति पर कोई स्वाभाविक कानूनी अधिकार नहीं है।
2. पत्नी को ससुराल की पैतृक संपत्ति में कब अधिकार मिलता है?
यदि पति की मृत्यु हो जाती है और सास-ससुर की संपत्ति किसी अन्य को वसीयत द्वारा स्थानांतरित नहीं की गई है, तो पत्नी को संपत्ति का अधिकार मिल सकता है।
3. क्या संपत्ति के हस्तांतरण को अदालत में चुनौती दी जा सकती है?
हां, यदि संपत्ति का हस्तांतरण धोखाधड़ी या बलपूर्वक हुआ हो, तो इसे अदालत में चुनौती दी जा सकती है।
4. क्या संपत्ति के विवाद में दामाद को कानूनी संरक्षण मिल सकता है?
दामाद को केवल उन्हीं संपत्तियों पर अधिकार मिल सकता है जो ससुर ने स्वेच्छा से उसके नाम स्थानांतरित की हों।
यह स्पष्ट है कि भारतीय कानून के तहत दामाद का ससुर की संपत्ति पर कोई स्वाभाविक अधिकार नहीं है। संपत्ति का अधिकार केवल कानूनी दस्तावेजों और उत्तराधिकार के माध्यम से तय होता है। इस निर्णय ने पारिवारिक संपत्ति विवादों में कानूनी स्पष्टता प्रदान की है और गलतफहमियों को दूर करने का प्रयास किया है।