टेरिटोरियल आर्मी (Territorial Army) का नाम सुनते ही देश सेवा का भाव मन में जाग उठता है। यह भारतीय सेना की एक अनूठी इकाई है, जो आम नागरिकों को सैनिक बनने का अवसर प्रदान करती है। हाल ही में बिहार के दानापुर और उत्तराखंड के पिथौरागढ़ में हुई टेरिटोरियल आर्मी भर्ती रैलियों ने भारी जनसैलाब खींचा।
युवाओं की भारी भीड़ के कारण व्यवस्थाएं चरमरा गईं। दानापुर की रैली तो रीशेड्यूल करनी पड़ी और पिथौरागढ़ में भगदड़ के चलते कई युवा घायल हो गए। यह पूरी तरह एक पार्ट-टाइम सेवा है, जिसमें साल में दो महीने की अनिवार्य ट्रेनिंग होती है।
क्या है टेरिटोरियल आर्मी?
टेरिटोरियल आर्मी (Territorial Army) उन लोगों के लिए है जो अपनी नियमित नौकरी या व्यवसाय के साथ देश सेवा करना चाहते हैं। इसे “सेकंड लाइन ऑफ डिफेंस” कहा जाता है। 1948 में स्थापित इस आर्मी ने 1962, 1965, 1971 और 1999 के कारगिल युद्ध सहित कई महत्वपूर्ण सैन्य अभियानों में हिस्सा लिया है। प्राकृतिक आपदाओं के समय सेवाओं को बहाल करने में भी इसकी अहम भूमिका होती है।
यह पूरी तरह से वॉलंटियर बेस्ड (Volunteer-Based) है। टेरिटोरियल आर्मी के जवान नियमित सैनिकों के साथ कंधे से कंधा मिलाकर काम करते हैं। हाल ही में, इसमें तकनीकी विशेषज्ञों को सायबर वारफेयर (Cyber Warfare) के लिए भी शामिल किया जा रहा है।
Territorial Army की भर्ती प्रक्रिया
टेरिटोरियल आर्मी में भर्ती के लिए दो प्रकार की प्रक्रियाएं होती हैं, आम नागरिकों के लिए लिखित परीक्षा और इंटरव्यू देना पड़ता है। जबकि पूर्व सैन्यकर्मियों के लिए केवल इंटरव्यू देना होता है। इसमें आयु सीमा 18 से 42 वर्ष के बीच होती है। उम्मीदवार को शारीरिक और मानसिक रूप से फिट होना चाहिए।
Territorial Army में सैलरी और पेंशन
अफसर के रूप में पहली रैंक लेफ्टिनेंट की मिलती है। सैलरी, भत्ते और मेडिकल सुविधाएं भारतीय सेना के अधिकारियों जैसी होती हैं। हालांकि यह सैलरी केवल तब मिलती है जब आप ड्यूटी पर हों।
यदि कमिशंड अधिकारी ने 20 साल की सक्रिय सेवा दी है, तो पेंशन का प्रावधान है। लेकिन टेरिटोरियल आर्मी में 20 साल की सेवा हासिल करना मुश्किल होता है।
ट्रेनिंग और प्रमोशन
- पहली बार छह महीने की प्री-कमिशन ट्रेनिंग होती है।
- हर साल दो महीने का एनुअल ट्रेनिंग कैंप अनिवार्य होता है।
- चेन्नई स्थित ऑफिसर्स ट्रेनिंग एकेडमी (OTA) में पोस्ट-कमिशन ट्रेनिंग दी जाती है।
लेफ्टिनेंट से शुरू होकर कैप्टन, मेजर और लेफ्टिनेंट कर्नल तक प्रमोशन मिलता है। कर्नल और ब्रिगेडियर रैंक के लिए चयन प्रक्रिया होती है।
टेरिटोरियल आर्मी में सुविधाएं
टेरिटोरियल आर्मी के सदस्यों को ट्रेनिंग या सेवा के दौरान नियमित सैनिकों जैसी सुविधाएं दी जाती हैं, इसमें मुफ्त राशन और मेडिकल सुविधाएं, आर्मी कैंटीन की सुविधा, छुट्टियां और लीव एनकैशमेंट एवं विभिन्न पदकों और पुरस्कारों के लिए पात्रता प्रदान करती है।
1. टेरिटोरियल आर्मी का हिस्सा बनने के लिए क्या योग्यता चाहिए?
उम्मीदवार की आयु 18-42 वर्ष के बीच होनी चाहिए। साथ ही, शारीरिक और मानसिक रूप से फिट होना अनिवार्य है।
2. क्या टेरिटोरियल आर्मी में पेंशन मिलती है?
हां, यदि अधिकारी ने 20 साल की सक्रिय सेवा पूरी की हो। हालांकि, इतने वर्षों तक ड्यूटी करना चुनौतीपूर्ण होता है।
3. क्या महिलाएं टेरिटोरियल आर्मी में शामिल हो सकती हैं?
जी हां, 2019 से महिलाओं को भी टेरिटोरियल आर्मी में शामिल किया जाने लगा है।
4. क्या यह रेगुलर नौकरी का विकल्प है?
नहीं, टेरिटोरियल आर्मी पार्ट-टाइम सेवा है और इसे नियमित नौकरी के रूप में नहीं देखा जा सकता।
टेरिटोरियल आर्मी देश के प्रति अपनी जिम्मेदारी निभाने का एक अनूठा अवसर है। यह उन युवाओं के लिए आदर्श है जो अपने सामान्य जीवन के साथ-साथ सैन्य अनुभव लेना चाहते हैं। यह भले ही एक स्थायी करियर न हो, लेकिन देश सेवा का गर्व और अनुभव निश्चित रूप से अद्वितीय है।