भारत सरकार ने टेलीकॉम सेक्टर में क्रांति लाने के लिए 1 जनवरी 2025 से नए ‘राइट ऑफ वे’ (RoW) नियम लागू करने का फैसला किया है। इन नियमों का उद्देश्य ऑप्टिकल फाइबर और टेलीकॉम टॉवरों की स्थापना को सरल बनाना और 5G नेटवर्क के तेज़ी से विस्तार को प्रोत्साहित करना है। इससे Jio, Airtel, Vodafone Idea और BSNL जैसी कंपनियों पर सीधा असर पड़ेगा।
क्या हैं नए RoW नियम?
राइट ऑफ वे (RoW) नियम वे मानक तय करते हैं, जो पब्लिक और प्राइवेट प्रॉपर्टी पर टेलीकॉम इंफ्रास्ट्रक्चर जैसे टॉवर और ऑप्टिकल फाइबर स्थापित करने में मदद करते हैं। नए नियमों के तहत पारदर्शिता और पब्लिक सेफ्टी पर विशेष ध्यान दिया गया है। इसका उद्देश्य टेलीकॉम सेक्टर में निवेश को बढ़ावा देना और देशभर में कनेक्टिविटी को मजबूत करना है।
1 जनवरी 2025 से लागू होने वाले RoW नियम राज्यों को अधिक अधिकार देंगे। राज्य सरकारें टॉवर और फाइबर ऑप्टिक्स के इंस्टॉलेशन के लिए नए प्रावधान तय कर सकेंगी, जिससे हर क्षेत्र में समान विकास हो सके।
राज्यों को मिलेगी नई पावर
नए नियमों के अनुसार, राज्यों को अधिक स्वायत्तता प्रदान की गई है। अब राज्य सरकारें स्थानीय स्तर पर RoW से जुड़े मामलों का निपटारा खुद कर सकेंगी। DoT सचिव नीरज मित्तल ने सभी राज्यों को 30 नवंबर 2024 तक इन नियमों के पालन की योजना तैयार करने के निर्देश दिए हैं।
इस बदलाव से राज्य सरकारें तेजी से निर्णय ले सकेंगी, जिससे टेलीकॉम इंफ्रास्ट्रक्चर की स्थापना में देरी नहीं होगी। यह कदम राज्यों और केंद्र सरकार के बीच समन्वय को और बेहतर बनाएगा।
5G पर रहेगा मुख्य फोकस
RoW नियमों का मुख्य उद्देश्य 5G नेटवर्क का विस्तार करना है। 5G तकनीक के लिए आवश्यक टॉवर्स और फाइबर ऑप्टिक्स को स्थापित करने में यह नियम सहायक साबित होंगे। टेलीकॉम ऑपरेटर्स के लिए नए इंफ्रास्ट्रक्चर स्थापित करना आसान हो जाएगा।
नए नियमों में ऑप्टिकल फाइबर के लिए शुल्क और अनुमतियों की प्रक्रिया को सरल बनाया गया है। इससे टेलीकॉम कंपनियों के संचालन में तेजी आएगी और उपभोक्ताओं को उच्च गुणवत्ता का तेज़ नेटवर्क मिलेगा।
नए नियमों के फायदे
नए नियम आने से तेजी से नेटवर्क विस्तार 5G और अन्य नेटवर्क सुविधाओं के विस्तार में गति आएगी। नियमों को सरल और स्पष्ट बनाया गया है, जिससे निर्णय लेने में आसानी होगी। नए टेलीकॉम इंफ्रास्ट्रक्चर के लिए निवेश आकर्षित होगा। राज्यों को अधिक अधिकार मिलने से दूरस्थ क्षेत्रों में भी नेटवर्क की पहुंच सुनिश्चित होगी।
इन नए नियमों के लागू होने के बाद, सभी टेलीकॉम कंपनियों को RoW पोर्टल के माध्यम से अपनी परियोजनाओं के लिए आवेदन करना होगा। राज्यों को स्वीकृति देने की प्रक्रिया को समयबद्ध और आसान बनाना होगा।
1. RoW नियमों का मुख्य उद्देश्य क्या है?
RoW नियम टेलीकॉम इंफ्रास्ट्रक्चर को स्थापित करने की प्रक्रिया को सरल और पारदर्शी बनाते हैं, जिससे कनेक्टिविटी बेहतर हो सके।
2. नए नियमों से उपभोक्ताओं को क्या फायदा होगा?
उपभोक्ताओं को तेज़ और अधिक विश्वसनीय नेटवर्क मिलेगा, खासकर 5G सेवाओं में।
3. क्या राज्यों को नए RoW नियमों में अधिक अधिकार मिलेंगे?
हां, राज्यों को टेलीकॉम इंफ्रास्ट्रक्चर से संबंधित फैसलों में अधिक स्वायत्तता दी गई है।
4. क्या 5G के अलावा अन्य नेटवर्क पर भी इसका असर होगा?
हां, यह नियम सभी नेटवर्क पर लागू होंगे, लेकिन 5G के विस्तार पर विशेष ध्यान दिया गया है।
1 जनवरी 2025 से लागू होने वाले RoW नियम टेलीकॉम सेक्टर में एक बड़ा बदलाव लाने वाले हैं। इनसे न केवल टेलीकॉम इंफ्रास्ट्रक्चर को मजबूत किया जाएगा, बल्कि 5G नेटवर्क के विस्तार को भी गति मिलेगी। राज्यों को अधिक अधिकार मिलने से क्षेत्रीय विकास को बढ़ावा मिलेगा और उपभोक्ताओं को बेहतर सेवाएं मिलेंगी।