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Bijli Bill News: क्या स्मार्ट मीटर बना रहा है परेशानी का कारण? चेक मीटर से करें सटीक जांच

बढ़ते बिजली बिल से परेशान? ठंड में गीजर और रूम हीटर की खपत ने कर दिया जेब पर असर! जानिए कैसे चेक मीटर से स्मार्ट मीटर की गड़बड़ी पकड़ें और पाएं राहत। सिर्फ ₹118 में, समाधान 15 दिनों में!

By Akshay Verma
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Bijli Bill News: क्या स्मार्ट मीटर बना रहा है परेशानी का कारण? चेक मीटर से करें सटीक जांच
क्या स्मार्ट मीटर बना रहा है परेशानी का कारण?

स्मार्ट मीटर (Smart Meter) को लेकर कई राज्यों, विशेषकर उत्तर प्रदेश में, उपभोक्ताओं की चिंताएं बढ़ रही हैं। ठंड के मौसम में गीजर और रूम हीटर जैसे उपकरण बिजली की खपत में वृद्धि करते हैं, जिससे बिजली बिल भी अधिक आने लगता है।

लेकिन अगर आपको लगता है कि आपका मीटर तेज चल रहा है, तो इसका समाधान चेक मीटर (Check Meter) लगवाने में है। यह न केवल आपकी शंकाओं को दूर करता है, बल्कि बिजली बिल की सही गणना सुनिश्चित करता है।

स्मार्ट मीटर को लेकर बढ़ती शिकायतें

उत्तर प्रदेश पावर कॉर्पोरेशन लिमिटेड (UPPCL) के पास स्मार्ट प्रीपेड मीटर (Smart Prepaid Meter) के तेज चलने की शिकायतें लगातार आ रही हैं। उपभोक्ताओं का मानना है कि पुराने मीटरों के मुकाबले स्मार्ट मीटर तेज चलते हैं, जिससे बिल अनावश्यक रूप से बढ़ता है। इस समस्या के समाधान के लिए UPPCL ने चेक मीटर लगवाने की सुविधा दी है।

चेक मीटर पांच प्रतिशत उपभोक्ताओं के बीच लगाया जाता है और यह अन्य मीटरों की सटीकता की पुष्टि करता है। अगर चेक मीटर से गड़बड़ी पाई जाती है, तो संबंधित मीटर बदल दिया जाता है।

ठंड में बिजली खपत के कारण और समाधान

ठंड के दिनों में गीजर और रूम हीटर जैसी उपकरणों का उपयोग बढ़ता है, जिससे बिजली खपत और बिल में इजाफा होता है। ऐसे में यदि आपको अपने मीटर पर संदेह हो, तो अपने स्थानीय खंड कार्यालय (Subdivision Office) में आवेदन कर सकते हैं। यहां से आपके मीटर की जांच की प्रक्रिया शुरू होती है।

चेक मीटर लगवाने की प्रक्रिया

  1. यदि मीटर तेज चलने की समस्या है, तो आप अपने खंड के अधिशासी अभियंता (Executive Engineer) के कार्यालय में शिकायत दर्ज कर सकते हैं।
  2. आपके उपकरणों के लोड का परीक्षण किया जाएगा और मीटर की गति की जांच की जाएगी।
  3. संतुष्टि न होने पर चेक मीटर लगाने के लिए आवेदन अग्रसारित किया जाएगा।

चेक मीटर की लागत और जांच प्रक्रिया

  • सिंगल फेज कनेक्शन के लिए चेक मीटर की लागत ₹118 है। यह शुल्क कार्यालय में जमा करना होता है, और इसकी रसीद भी प्राप्त होती है।
  • चेक मीटर लगाने के बाद 15 दिनों तक इसकी जांच की जाती है।
  • जांच के बाद यदि मीटर की तेज गति पाई जाती है, तो इसे तुरंत बदल दिया जाता है।

चेक मीटर क्यों महत्वपूर्ण है?

चेक मीटर उपभोक्ताओं को न केवल उनके बिजली बिल के प्रति आश्वस्त करता है, बल्कि मीटर की सटीकता सुनिश्चित करता है। यह कदम बिजली विभाग और उपभोक्ताओं के बीच विश्वास बहाल करने में मदद करता है।

प्रश्न 1: चेक मीटर का उद्देश्य क्या है?
चेक मीटर का उद्देश्य अन्य मीटरों की गति और सटीकता की पुष्टि करना है।

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प्रश्न 2: चेक मीटर लगाने की प्रक्रिया कितने दिनों में पूरी होती है?
चेक मीटर लगाने और इसकी जांच की प्रक्रिया लगभग 15 दिनों में पूरी होती है।

प्रश्न 3: चेक मीटर लगाने का शुल्क कितना है?
सिंगल फेज कनेक्शन के लिए चेक मीटर का शुल्क ₹118 है।

प्रश्न 4: अगर चेक मीटर में गड़बड़ी पाई जाती है, तो क्या कदम उठाए जाते हैं?
यदि चेक मीटर जांच के दौरान गड़बड़ी दिखाता है, तो पुराने मीटर को बदल दिया जाता है।

प्रश्न 5: चेक मीटर के लिए आवेदन कहां किया जा सकता है?
अपने स्थानीय उपखंड या खंड कार्यालय में इसके लिए आवेदन कर सकते हैं।

स्मार्ट मीटर की तेज गति और बढ़ते बिजली बिल की समस्या का समाधान अब चेक मीटर लगवाने से संभव है। यह प्रक्रिया उपभोक्ताओं को उनके बिजली बिल में पारदर्शिता का भरोसा देती है। चेक मीटर केवल ₹118 की लागत पर 15 दिनों में सटीक रिपोर्ट प्रदान करता है, जिससे तेज चलने वाले मीटर की पहचान और बदलाव सुनिश्चित हो सके।

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