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बुरी खबर! मकान मालिकों के लिए नया फरमान, अब अपना ही घर किराए पर देना होगा मुश्किल, नियमों में हुआ बदलाव

1 अप्रैल 2025 से मकान मालिकों के लिए सरकार ने किराए पर घर देने के नियमों में बड़ा बदलाव किया है। अब किराए की आमदनी को टैक्स रिटर्न में रिपोर्ट करना होगा और टैक्स चोरी पर होगी कड़ी कार्रवाई। जानें, नए नियमों का असर और कैसे आप टैक्स में राहत पा सकते हैं।

By Akshay Verma
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बुरी खबर! मकान मालिकों के लिए नया फरमान, अब अपना ही घर किराए पर देना होगा मुश्किल, नियमों में हुआ बदलाव

यदि आप मकान किराए पर देकर आय कमाने की सोच रहे हैं, तो सरकार द्वारा लाए गए नए नियमों से आपको अपनी योजना में बदलाव करना पड़ सकता है। 1 अप्रैल 2025 से सरकार ने मकान किराए पर देने से होने वाली आय पर टैक्स नियमों को सख्त बनाने का निर्णय लिया है। अब मकान मालिकों को अपनी किराए की आय को इनकम टैक्स रिटर्न में इनकम फ्रॉम हाउस प्रॉपर्टी के तहत दर्ज करना अनिवार्य होगा। टैक्स चोरी को रोकने और पारदर्शिता बढ़ाने के लिए सरकार का यह कदम मकान मालिकों के लिए चुनौतियां लेकर आ सकता है।

1 अप्रैल 2025 से लागू होंगे नियम

सरकार ने 1 अप्रैल 2025 से नए नियमों को लागू करने का निर्णय लिया है। इसके तहत मकान मालिकों को अपनी किराए से होने वाली आय को इनकम टैक्स रिटर्न में दर्ज करना होगा। इस नए प्रावधान का उद्देश्य टैक्स चोरी पर लगाम लगाना है, ताकि अधिक से अधिक लोग अपनी वास्तविक आय को रिपोर्ट करें और सरकार को सही टैक्स मिले।

किराए पर मकान देने के नए नियम

नए नियमों के तहत, मकान मालिकों को अब अपनी किराए से होने वाली आय को इनकम फ्रॉम हाउस प्रॉपर्टी के तहत दिखाना अनिवार्य है। इसका मतलब है कि अब वे किराए की आय को छिपा नहीं सकेंगे, और इसकी सही रिपोर्टिंग न करने पर कानूनी कार्रवाई की जा सकती है। इस नियम का पालन न करने पर टैक्स डिपार्टमेंट द्वारा जुर्माना और कार्रवाई का सामना करना पड़ सकता है।

टैक्स रिपोर्टिंग की अनिवार्यता

सरकार द्वारा लागू किए गए इन नियमों के अंतर्गत मकान मालिकों को इनकम टैक्स रिटर्न में किराए की आय को रिपोर्ट करना होगा। पहले मकान मालिक आसानी से किराए की आय को छिपाकर टैक्स से बच सकते थे, लेकिन अब ऐसा करना आसान नहीं होगा। टैक्स डिपार्टमेंट द्वारा समय-समय पर जांच भी की जाएगी ताकि किराए की आय पर सही तरीके से टैक्स वसूला जा सके।

इनकम फ्रॉम हाउस प्रॉपर्टी के तहत टैक्स

अब मकान मालिकों को अपनी प्रॉपर्टी से होने वाली आय को इनकम टैक्स के तहत दर्ज करना होगा, जिसे इनकम फ्रॉम हाउस प्रॉपर्टी के नाम से जाना जाता है। यह टैक्स का एक विशेष खंड है, जिसमें मकान मालिकों को किराए से हुई आमदनी का सही विवरण देना होता है। इस टैक्स की दरें अन्य प्रकार की आय से अलग होती हैं, और इसके लिए मकान मालिकों को एक विशेष डिडक्शन भी दी जाती है।

टैक्स डिडक्शन की सुविधा

नए नियमों के अंतर्गत मकान मालिकों को कुछ राहत भी प्रदान की गई है। प्रॉपर्टी की नेट वैल्यू का 30% तक का हिस्सा टैक्स डिडक्शन के रूप में दिया जाएगा, जिससे उनकी टैक्स देनदारी कुछ हद तक कम हो सकेगी। इसके अलावा, मकान मालिक कुछ अतिरिक्त खर्चों को भी टैक्स डिडक्शन के रूप में क्लेम कर सकते हैं, जैसे मकान की मरम्मत, रखरखाव, और अन्य आवश्यक सेवाओं पर किया गया खर्च।

किराए पर घर देने में नए बदलाव

नए नियमों के तहत मकान मालिकों को किराए की आय को छिपाने का अवसर नहीं मिलेगा। अब किराए पर दी गई प्रॉपर्टी की संपूर्ण जानकारी इनकम टैक्स डिपार्टमेंट के पास उपलब्ध होगी।

पूरा डाटा इनकम टैक्स डिपार्टमेंट को देना अनिवार्य

मकान मालिकों को अपनी किराए से होने वाली आमदनी की पूरी जानकारी टैक्स डिपार्टमेंट को देनी होगी, ताकि टैक्स की सही गणना हो सके और टैक्स चोरी को रोका जा सके।

कानूनी कार्यवाही का जोखिम

यदि मकान मालिक अपनी किराए की आय को टैक्स रिटर्न में छिपाते हैं या गलत जानकारी प्रदान करते हैं, तो उनके खिलाफ कड़ी कानूनी कार्रवाई की जा सकती है।

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अधिक टैक्स से बचने के उपाय

नए नियमों के तहत मकान मालिकों के लिए कुछ राहत के प्रावधान भी हैं। वे 30% तक की टैक्स डिडक्शन का लाभ उठा सकते हैं, जिससे उनकी टैक्स देनदारी कुछ कम हो सके। इसके अलावा, मरम्मत, रखरखाव जैसे खर्चों को भी टैक्स में छूट के रूप में क्लेम किया जा सकता है।

नए नियमों का उद्देश्य

सरकार का यह नया कदम टैक्स चोरी पर लगाम लगाना है, ताकि सभी मकान मालिक अपनी किराए की आय पर टैक्स चुकाएं और अधिक से अधिक पारदर्शिता बनी रहे। इस बदलाव के जरिए सरकार यह सुनिश्चित करना चाहती है कि मकान मालिक अपने किराए की आय को सही तरीके से टैक्स रिटर्न में रिपोर्ट करें।

Frequently Asked Questions (FAQs)

1. क्या मकान मालिक किराए की आय पर टैक्स बचा सकते हैं?
हाँ, मकान मालिक 30% तक की टैक्स डिडक्शन का लाभ उठा सकते हैं। इसके अलावा, मरम्मत और रखरखाव जैसे खर्चों पर भी टैक्स में छूट प्राप्त कर सकते हैं।

2. अगर मैं किराए की आय को टैक्स रिटर्न में दर्ज नहीं करता तो क्या होगा?
अगर आप किराए की आय को रिपोर्ट नहीं करते, तो टैक्स डिपार्टमेंट द्वारा आपके खिलाफ कानूनी कार्रवाई की जा सकती है, जिसमें जुर्माना भी शामिल है।

3. टैक्स रिटर्न में किराए की आय कैसे दर्ज करें?
आप अपनी किराए की आय को इनकम फ्रॉम हाउस प्रॉपर्टी के तहत दर्ज कर सकते हैं। इसके लिए आपको आय और टैक्स डिडक्शन का विवरण देना होगा।

4. क्या नए नियम केवल मकान मालिकों पर लागू होते हैं?
हाँ, नए नियम विशेष रूप से मकान मालिकों पर लागू होते हैं, जो अपनी प्रॉपर्टी को किराए पर देकर आय अर्जित करते हैं।

5. नए नियमों के लागू होने की तारीख क्या है?
नए नियम 1 अप्रैल 2025 से प्रभावी होंगे।

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