आज के समय में बिना लोन के कई सपनों को साकार करना मुश्किल है, चाहे वो घर खरीदना हो या व्यापार में निवेश करना। लेकिन लोन लेते समय ईएमआई (EMI) चुकाने की जिम्मेदारी भी साथ आती है। कई बार आर्थिक कठिनाई की वजह से ईएमआई चुकाना मुश्किल हो जाता है, और बैंक के रिकवरी एजेंटों द्वारा परेशान किए जाने की नौबत आती है। कई ग्राहक एजेंटों की धमकियों और दुर्व्यवहार का सामना करते हैं। ऐसी स्थिति से बचने के लिए भारतीय रिजर्व बैंक (Reserve Bank of India) ने कुछ नियम बनाए हैं, जो ग्राहकों को सुरक्षा प्रदान करते हैं।
RBI के इन नियमों का रखें ध्यान
1. RBI का सख्त निर्देश
भारतीय रिजर्व बैंक ने सभी बैंकों को निर्देश दिया है कि वे अपने लोन रिकवरी एजेंटों को ग्राहकों के साथ शालीनता से व्यवहार करने का निर्देश दें। किसी भी ग्राहक को धमकाना, प्रताड़ित करना, या व्यक्तिगत जानकारी का दुरुपयोग करना सख्त मना है। बैंकों से अपेक्षा की जाती है कि वे ग्राहकों के साथ सम्मानजनक और नियमों का पालन करने वाला व्यवहार करें।
2. शिकायत करने का अधिकार
अगर कोई ग्राहक बैंक रिकवरी एजेंट के दुर्व्यवहार का सामना कर रहा है, तो उन्हें डरने की जरूरत नहीं है। ग्राहकों के पास इस मामले में अधिकार होते हैं, और वे पुलिस में शिकायत कर सकते हैं। आरबीआई ने यह सुनिश्चित किया है कि ग्राहकों को किसी भी प्रकार की असुविधा न हो, और एजेंट बिना वजह उन्हें परेशान न करें।
3. लोन न चुकाने की स्थिति में बैंक की प्रक्रिया
अगर कोई ग्राहक लगातार दो ईएमआई नहीं चुकाता है, तो बैंक सबसे पहले उसे एक रिमाइंडर भेजता है। तीन किस्तों का भुगतान न करने पर बैंक कानूनी नोटिस जारी कर सकता है। अगर इसके बाद भी ग्राहक ईएमआई का भुगतान नहीं करता है, तो उसे डिफॉल्टर घोषित किया जा सकता है। लेकिन आरबीआई के निर्देश के अनुसार, कोई भी रिकवरी एजेंट मनमानी नहीं कर सकता और उसे नियमों के अनुसार ही कार्य करना होता है।
4. लोन रिकवरी प्रक्रिया
जब कोई व्यक्ति लोन की ईएमआई नहीं चुका पाता है, तो बैंक दो प्रकार की प्रक्रियाओं का उपयोग करती है – नॉन-ज्यूडिशियल और ज्यूडिशियल। आरबीआई के नियमों के अनुसार, लोन की रिकवरी प्रक्रिया के दौरान ग्राहकों के कानूनी अधिकारों और दायित्वों का सम्मान करना अनिवार्य है।
5. कैसे करें रिकवरी एजेंट के दुर्व्यवहार की शिकायत
अगर किसी ग्राहक को लगता है कि बैंक या उसके रिकवरी एजेंट उन्हें धमकाकर पैसे वसूलने की कोशिश कर रहे हैं, तो वे स्थानीय पुलिस थाने में शिकायत कर सकते हैं। लोन की किस्त न चुका पाना एक सिविल विवाद है, और इस स्थिति में बैंक या एजेंट मनमानी नहीं कर सकते। ग्राहकों को इस बात की जानकारी होनी चाहिए कि रिकवरी एजेंट सुबह 7 बजे से शाम 7 बजे तक ही उनसे संपर्क कर सकते हैं। अगर इन नियमों का पालन नहीं होता है, तो ग्राहक इसकी शिकायत कर सकते हैं।
6. RBI के दिशा-निर्देश
आरबीआई ने बैंक और वित्तीय संस्थानों के लिए कुछ विशेष निर्देश दिए हैं:
- बैंक ग्राहकों को वसूली एजेंसी के बारे में पहले ही सूचित करें।
- एजेंट को ग्राहक से मिलते समय बैंक का प्राधिकरण पत्र और नोटिस की कॉपी साथ रखनी चाहिए।
- अगर ग्राहक ने शिकायत दर्ज की है, तो बैंक संबंधित एजेंट को तब तक भेजने की अनुमति नहीं देगा जब तक शिकायत का समाधान न हो।
- बैंक एजेंट सुबह 7 बजे से शाम 7 बजे तक ही ग्राहकों को कॉल कर सकते हैं।