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Bihar Jamin Survey: नीतीश सरकार ने बदल दिये रजिस्ट्री के नियम, जमीन सर्वे पर हुआ था बवाल, जान लीजिए कैसे क्या करना होगा

Bihar Jamin Survey: बिहार सरकार ने जमीन रजिस्ट्री में आधार लिंकिंग अनिवार्य की है, जिससे फ्रॉड की रोकथाम होगी। नए सॉफ्टवेयर और ई-निबंधन के माध्यम से भूमि का सत्यापन सुनिश्चित किया जाएगा। राजस्व विभाग ने रजिस्ट्री प्रक्रियाओं में सख्त जांच के निर्देश दिए हैं।

By Akshay Verma
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बिहार राज्य के लोगों को जमीन की रजिस्ट्री करवाना ज्यादा सुरक्षित हो जाएगा। बिहार सरकार के एक अहम निर्णय ने जमीन की रजिस्ट्री के मामले में फ्रॉड की रोकथाम को नया नियम लाया है। नए नियमानुसार, किसी को जमीन की रजिस्ट्री करवाने से पहले जमीन का रिकॉर्ड अपने आधार कार्ड से लिंक करना जरूरी रहेगा। यानी आधार के बगैर जमीन की रजिस्ट्री का काम नहीं हो सकेगा। ऐसे जमीन के लेनदेन के कामों में फ्रॉड पर नकेल कसेगी।

जमीन रजिस्ट्री में नए नियम

बिहार में जमीन लेनदेन में काफी मौकों पर फ्रॉड के मामले सामने आते रहते है। विशेष रूप से आधार की फोटोकॉपी में गड़बड़ी से गलत दस्तावेज का यूज हो रहा है। किंतु इस नए नियम के आ जाने पर आने वाले समय में ऐसे फ्रॉड की रोकथाम हो सकेगी। अब से जमीन की रजिस्ट्री करने में बेचने वाले को उसके नाम पर जमाबंदी को आधार और मोबाइल नंबर से लिंक करना पड़ेगा। इसके अलावा खरीदने वाले और गवाहों के वेरिफिकेशन की भी जरूरत होगी।

अब सॉफ्टवेयर से रजिस्ट्री होगी

सरकार के नए सॉफ्टवेयर से बेनामी प्रोपर्टी को आसानी से ट्रेस कर सकेंगे। जिला निबंधन ऑफिस के अनुसार, ये नियम ई-निबंधन के “गो-लाइव” नाम के सॉफ्टवेयर के द्वारा लागू होगा। अभी तक जमीन की लेनदेन में दोनों पक्षों की आईडी ली जाती थी और आधार की सिर्फ फोटो कॉपी लेते थे।

अब आधार की फोटोकॉपी में गड़बड़ी को देखकर राजस्व रिकार्ड से आधार की लिंकिंग को अनिवार्य किया गया है। अब आधार से लिंकिंग करने पर रजिस्ट्री ऑफिस में सॉफ्टवेयर द्वारा ऑनलाइन मिलाने पर ही जमीन की रजिस्ट्री का काम होगा।

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ई-मापी पर फिर से जांच होगी

राजस्व एवं भूमि सुधार विभाग ने ई-मापी के एप्लीकेशन के कैंसिल होने की चेकिंग करने का निर्णय लिया है और इस काम को रैंडम करेंगे। यह चेक करेंगे कि एप्लीकेशन को नकारने का आधार सही है या गलत। 25 फीसदी एप्लीकेशन के नकारे जाने का आंकड़ा मिला है। जिला राजस्व शाखा के डेटा में जिले के हर एक 19 अंचलों में ई-मापी में अभी तक कुल 1,700 एप्लीकेशन मिले और 417 को कई वजहों से नकारा गया है, वही 897 की पेमेंट हो चुकी है।

अमीनो के काम की चेकिंग होगी

सरकार ने 880 मापी को लेकर टीम को तय करा है वही 322 मापी रुकी है। इस तरह से विभाग अमीनो के काम की चेकिंग करने का निर्णय ले चुका है। ऐसे यह मालूम होगा कि स्टैंडर्ड और विभाग की गाइडलाइन के अनुसार मापी हुई या नहीं।

अभी विभाग मापी के आंकड़े से असंतुष्ट है। इसी कारण से अमीनो के प्रखंडवार आंकड़े को निकलकर चेकिंग होगी जो कि 1 माह में एवरेज मापी की जानकारी देगा। रैयतों को इस काम में अपने मोबाइल नंबर देने की अपील होगी।

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