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RBI New Guideline: EMI भरने वालों को RBI ने दी राहत, 1 तारीख से लागू हो गए नए नियम

RBI New Guideline: आरबीआई के नए दिशानिर्देशों के तहत लोन पर पेनाल्टी चार्ज और पीनल इंटरेस्ट को सीमित किया गया है, जिससे ग्राहकों को राहत मिलेगी। बैंक और NBFC अब केवल बकाया रकम पर ही उचित पेनल्टी चार्ज वसूल सकेंगे। इससे लोन पेमेंट में पारदर्शिता बढ़ेगी और कस्टमर पर अनावश्यक आर्थिक बोझ नहीं पड़ेगा।

By Akshay Verma
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पहली सितंबर से रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया (RBI) की तरफ से नए दिशानिर्देश लागू हुए है जो कि लोन की रकम पर पेनाल्टी चार्जेज और पीनल इंटरेस्ट के लिए बने है। इस नए फैसले से लोन लेने वालो को बहुत राहत मिल सकती है। RBI की इस पहल से बैंकों और गैर बैंकिंग वित्तीय कंपनियों (NBFCs) की तरफ से अनुचित फीस को लेने की वृति पर लगाम लगेगी।

नए नियमों के उद्देश्य

RBI के इस प्रयास से कस्टमर्स के हितों को सुरक्षित किया जाना है। इससे ये तय होना है कि बैंको और वित्तीय संस्थान की तरफ से डिफॉल्ट होने की दशा में गलत तरीके से दंड की फीस न ली जाए। इस नियम को बैंक की सिस्टम में पारदर्शिता लाने और कस्टमर्स के ऊपर गैर जरूरी आर्थिक बोझ डालने से बचाव को लेकर ड्राफ्ट किया है।

क्या सही है “डिफॉल्ट चार्जेज”?

नए नियमों में बैंक और NBFCs अभी सिर्फ “उचित” डिफॉल्ट की फीस ही वसूलेंगे। इससे अर्थ है कि यदि किसी कस्टमर से लोन की पेमेंट में भूल होगी तो इसके ऊपर केवल चूकी हुए रक्त पर भी चार्ज लगेगा। बीते वर्ष 18 अगस्त में हुए संशोधन के अंतर्गत ये नियम अप्रैल 2024 तक लागू करने की टाइमलिमिट मिली थी।

पेनल्टी चार्जेज की लिमिट

पेनल्टी चार्जेज को सिर्फ बकाए रकम से तय करेंगे। बैंक या NBFCs ने लोन भुगतान पर चूक होने पर मनमाने फाइन को नहीं लेना है। ये फीस लोन पेमेंट समझौते की शर्त तोड़ते पर लगते है। इस वजह से कस्टमर के लोन पेमेंट न करने पर उनको भी ये रूल मानना जरूरी रहेगा।

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जानकर डिफाल्टर पर कठोर एक्शन

वैसे लोगो के लिए राहत नहीं है जोकि जानकर लोन की पेमेंट नहीं कर रहे। ऐसे कस्टमर्स के विरुद्ध कठोर एक्शन लेने में भारतीय बैंक संघ (IBA) और राष्ट्रीय ई-गवर्नेंस सेवा लिमिटेड (NESL) ने एक प्रणाली पर कार्य शुरू किया है जो कि डिफाल्टर को जल्दी से पहचान करवाएगी।

बड़े लोन में डिफॉल्ट की दशा

NESL के डेटा के मुताबिक, देश में 10 से 100 करोड़ रुपए के लोन डिफॉल्ट की दर सर्वाधिक है। ये आंकड़े दिखाते है कि बड़े लोनधारक अपने लोन की पेमेंट करने में लापरवाह होते है। नए नियमों से इसे ठीक करने में हेल्प होगी चूंकि बैंक को डिफाल्टर बनाने और एक्शन लेने में अधिक टाइम नहीं लगेगा।

लोन ले रहे कस्टमर्स को सुझाव

  • EMI को टाइम पर पेमेंट करें।
  • यदि किसी माह में पैसे की तंगी हो तो बैंक से कांटेक्ट करें।
  • लोन कॉन्ट्रैक्ट के हर शर्त को अच्छे से समझे।
  • आवश्यकता से ज्यादा लोन न लें।

RBI के नए दिशानिर्देश लोन लेने वालो को बड़ी राहत देंगे। यह कस्टमर्स के हितों को सुरक्षा देने के साथ ही फाइनेंशियल सेक्टर में पारदर्शिता और अनुशासन में वृद्धि करेंगे।

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