भारतीय मुद्रा (Indian Currency) का हर नोट और सिक्का देश की आर्थिक व्यवस्था के लिए बेहद महत्वपूर्ण है। लेकिन जब इनका गलत इस्तेमाल शुरू हो जाए, तो सरकार और केंद्रीय बैंक को कड़े कदम उठाने पड़ते हैं। 5 रुपये के पुराने मोटे सिक्के का अचानक गायब होना और फिर इसे बंद कर देने का मामला इसी दिशा में एक बड़ा कदम है।
5 रुपये के मोटे सिक्के का गायब होना: कारण और कहानी
5 रुपये का पुराना सिक्का अपने मोटे और भारी डिज़ाइन के लिए जाना जाता था। इसे बनाने में बड़ी मात्रा में धातु का इस्तेमाल होता था। लेकिन यही धातु इस सिक्के के बंद होने का सबसे बड़ा कारण बन गई। क्योंकि इसमें प्रयोग होने वाली धातु का दुरुपयोग बढ़ गया था।
- 5 रुपये के मोटे सिक्के में इस्तेमाल की गई धातु से ब्लेड बनाए जा रहे थे।
- इन सिक्कों को अवैध रूप से बांग्लादेश भेजा जा रहा था, जहां उन्हें पिघलाकर ब्लेड बनाए जाते थे।
एक सिक्के से 6 ब्लेड बनाए जाते थे, और हर ब्लेड 2 रुपये में बेचा जाता था। यह तस्करी भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) और सरकार के लिए एक बड़ी समस्या बन गई।
5 रुपये के सिक्कों की अवैध तस्करी
जैसे ही RBI को यह जानकारी मिली कि 5 रुपये के सिक्के की अवैध तस्करी हो रही है, उन्होंने तुरंत इस पर कदम उठाया।
- बांग्लादेश में तस्करी का मामला: इन सिक्कों को बड़े पैमाने पर बांग्लादेश भेजा जा रहा था, जहां उन्हें पिघलाकर धातु का उपयोग किया जाता था।
- इस प्रक्रिया से न केवल भारतीय अर्थव्यवस्था को नुकसान हो रहा था, बल्कि यह देश की मुद्रा की सुरक्षा के लिए भी खतरा बन गया था।
RBI का समाधान: सिक्कों में बदलाव
जब यह स्पष्ट हो गया कि 5 रुपये के सिक्के का दुरुपयोग हो रहा है, तो भारतीय रिजर्व बैंक ने तुरंत इसे रोकने के लिए कदम उठाए।
- पुराने सिक्के को बंद किया गया।
- नए सिक्के पेश किए गए, जिनका डिज़ाइन और सामग्री पहले से बिल्कुल अलग थी।
नए और पुराने 5 रुपये के सिक्कों में अंतर
विशेषताएँ | पुराना सिक्का | नया सिक्का |
---|---|---|
डिज़ाइन | मोटा और भारी | पतला और हल्का |
धातु का उपयोग | आसानी से पिघलने योग्य धातु | नई मिश्र धातु जो ब्लेड बनाने के लिए अनुपयोगी |
दुरुपयोग की संभावना | पिघलाकर ब्लेड बनाना संभव | ब्लेड बनाना असंभव |
मूल्य (पिघलाने के बाद) | अधिक मूल्य | कम मूल्य |
5 रुपये के सिक्के को बंद करने के पीछे RBI का तर्क
भारतीय रिज़र्व बैंक ने कहा कि:-
- पुराने सिक्के का उत्पादन महंगा था।
- सिक्के का दुरुपयोग हो रहा था, जो भारतीय मुद्रा की सुरक्षा के लिए खतरा था।
- नए डिज़ाइन के सिक्के पेश करने से न केवल तस्करी रुकेगी, बल्कि इनका उत्पादन भी अधिक किफायती होगा।
नए सिक्के के फायदे
- मटेरियल: नए सिक्के में उपयोग की गई धातु की कीमत कम है।
- सुरक्षा: इसे पिघलाकर ब्लेड बनाने या अन्य गलत उपयोग के लिए अनुपयोगी बनाया गया है।
- डिज़ाइन: नया सिक्का पतला और हल्का है, जो इसे पहले से अधिक सुविधाजनक बनाता है।
5 रुपये के सिक्कों का भविष्य
आज बाजार में नए 5 रुपये के सिक्के उपलब्ध हैं, जो पहले के मुकाबले काफी अलग हैं।
- इन सिक्कों को दुरुपयोग से बचाने के लिए डिज़ाइन किया गया है।
- सरकार और RBI यह सुनिश्चित कर रहे हैं कि ऐसे बदलाव भारतीय मुद्रा की सुरक्षा और स्थिरता को बनाए रखें।