जब हम भारतीय करेंसी की बात करते हैं, तो अधिकतर लोग यही मानते हैं कि सभी नोट भारतीय रिज़र्व बैंक (RBI) द्वारा जारी किए जाते हैं। हालांकि, यह पूरी तरह सही नहीं है। भारत में एक ऐसा नोट है, जिसे न तो RBI जारी करता है और न ही उस पर RBI गवर्नर के हस्ताक्षर होते हैं। यह नोट है 1 रुपये का नोट, जो एक विशेष अपवाद है।
RBI और करेंसी का सफर
भारतीय रिज़र्व बैंक (Reserve Bank of India) की स्थापना 1 अप्रैल 1935 को हुई थी। इससे पहले, भारत में करेंसी का संचालन भारत सरकार करती थी। 1940 में, द्वितीय विश्व युद्ध के दौरान, भारत सरकार ने पहली बार 1 रुपये का सिक्का जारी किया। उसी समय से 1 रुपये का नियंत्रण केंद्र सरकार के पास है। आज भी यह प्रचलन जारी है, और यही कारण है कि 1 रुपये के नोट पर RBI गवर्नर का हस्ताक्षर नहीं होता।
कौन जारी करता है 1 रुपये का नोट?
अन्य सभी नोट भारतीय रिज़र्व बैंक द्वारा जारी किए जाते हैं, लेकिन 1 रुपये का नोट भारत सरकार द्वारा जारी किया जाता है।
- हस्ताक्षर: इस नोट पर RBI गवर्नर की जगह वित्त सचिव (Finance Secretary) के हस्ताक्षर होते हैं।
- मुद्रा का माई-बाप: 1 रुपये के नोट और सिक्के को केंद्रीय वित्त मंत्रालय (Union Finance Ministry) जारी करता है।
1 रुपये के नोट की छपाई का इतिहास
1 रुपये के नोट का इतिहास काफी पुराना और दिलचस्प है।
- पहला नोट: 30 नवंबर 1917 को पहली बार 1 रुपये का नोट छापा गया। इस नोट पर किंग जॉर्ज पंचम की तस्वीर थी।
- छपाई बंद:
- 1926 में पहली बार 1 रुपये के नोट की छपाई बंद कर दी गई।
- 1940 में इसे फिर से शुरू किया गया।
- 1994 में इसे दोबारा बंद कर दिया गया।
- 2015 में 1 रुपये के नोट की छपाई फिर से शुरू की गई।
आज, 1 रुपये का नोट न केवल करेंसी का हिस्सा है, बल्कि ऐतिहासिक और सांस्कृतिक दृष्टि से भी महत्वपूर्ण है।
RBI की भूमिका और अधिकार
RBI भारतीय करेंसी का संचालन और विनिमय करता है। भारतीय रिज़र्व बैंक अधिनियम की धारा 22 के तहत, 2 रुपये से लेकर 10,000 रुपये तक के नोट जारी करने का अधिकार RBI के पास है। लेकिन 1 रुपये के नोट का जिक्र इस अधिनियम में नहीं है। यही कारण है कि यह नोट आज भी भारत सरकार द्वारा जारी किया जाता है।
भारतीय रुपये का प्रतीक
भारतीय करेंसी को भारतीय रुपया (INR) के नाम से जाना जाता है।
- रुपया का प्रतीक “₹” है, जिसे 2010 में अपनाया गया।
- यह प्रतीक देवनागरी अक्षर “र” और लैटिन अक्षर “R” के मिलन से बनाया गया है।
1 रुपये का नोट: आज के समय में
आज के समय में 1 रुपये का नोट सबसे छोटी मूल्य की करेंसी है। हालांकि, इसके प्रचलन में सीमित उपयोग है, फिर भी यह भारतीय करेंसी का अभिन्न हिस्सा है।
1 रुपये का नोट भारत की अर्थव्यवस्था और इतिहास को दर्शाता है।
रोचक तथ्य
- 1 रुपये का नोट और सिक्का मुद्रास्फीति के बावजूद अपनी जगह बनाए हुए है।
- यह भारत की “सबसे पुरानी मुद्रा परंपरा” को दर्शाता है।
- इसकी छपाई लागत इसके मूल्य से अधिक होने के बावजूद इसे जारी किया जाता है।
1 रुपये का नोट भारतीय करेंसी सिस्टम का एक अनोखा पहलू है। इसे RBI नहीं, बल्कि भारत सरकार जारी करती है, और उस पर वित्त सचिव के हस्ताक्षर होते हैं। यह न केवल आर्थिक जरूरतों को पूरा करता है, बल्कि भारत की ऐतिहासिक मुद्रा परंपरा का भी प्रतीक है।